जनधन खाताधारक महिलाओं को तीन महीने तक हर माह 500 रुपये की सहायता मिलेगी
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एसबीआई ने जन-धन खाताधारकों के लिए पैसे की निकासी से संबंधित शेड्यूल जारी किया है।
कोरोना संकट के बीच सरकार द्वारा राहत राशि जारी करने की वजह से बढ़ी जमा राशि
सरकार द्वारा पैसे वापस लेने की अफवाह पर बैंकों में लाभार्थियों की भीड़ जुटी
वित्त मंत्रालय ने महिला जन-धन खाताधारकों से राहत राशि की निकासी के लिये बैंकों में एक साथ नहीं पहुंचने और भीड़ लगाने से बचने को कहा है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना का मकसद समाज के उस हिस्से को जोड़ने का है, जो आर्थिक विपन्नता के चलते बैंकों में खाते नहीं खोल पाया था।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खाते बेसिक बचत खाता जमा (बीएसबीडी) खाते हैं, जिनके साथ रूपे डेबिट कार्ड और ओवरड्रॉफ्ट जैसी विशेष सुविधाएं मिलती हैं।
प्रधानमंत्री जन धन खातों में कुल जमा रकम जल्द ही 90,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार जा सकती है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) में खाताधारकों की संख्या 32 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है। वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच सितंबर तक कम-से-कम 20 लाख लोग इस योजना में शामिल हुए हैं।
जनधन खाता धारकों के RuPay कार्ड पर मिलने वाले 1 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा को भी बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है
अटल पेंशन योजना (APY) के तहत मासिक पेंशन की सीमा मौजूदा 5,000 रुपए से बढ़ा कर 10,000 रुपए किए जाने की घोषणा भी 15 अगस्त को की जा सकती है।
वित्तीय समावेश (फाइनेंशियल इंक्लूजन) योजना के तहत खोले गये ‘नो-फ्रिल’ बैंक खाता धारकों को महीने में चार बार निकासी की सीमा पार करते ही जुर्माने का सामना करना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को इस महीने 4 साल पूरे हो रहे हैं, इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपनी 4 साल की उपलब्धियों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) को बड़ी उपलब्धि माना है और इसकी कई सफलताएं भी गिनाई हैं।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना खाते उस समय भी चर्चा में आए जब नोटबंदी के दौरान इसमें से बहुत से खातों मोटी रकम जमा कराई गयी। नवंबर 2016 के अंत में जनधन खातों में जमा रकम बढ़कर 74,000 करोड़ से अधिक हो गयी थी, जो कि उस महीने के शुरू में करीब 45,000 करोड़ रुपये थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी जन धन योजना की सफलता के बाद भी भारत में 19 करोड़ व्यस्कों के पास बैंक एकाउंट नहीं हैं। वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि चीन के बाद भारत में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या ऐसी है, जिसके पास बैंक एकाउंट नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जनधन योजना की शुरुआत से लेकर फरवरी अत तक देशभर में कुल 31.20 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं
बैंक के पास करीब 42 करोड़ बचत खाते हैं, कुल 42 करोड़ बचत खातों में से बैंक के पास करीब 13 करोड़ बेसिक सेविंग बचत खाते और जनधन खाते हैं।
ग्राणीण क्षेत्रों में जनधन खातों की उपलब्धता बढ़ने की वजह से लोगों के व्यवहार में में बदलाव आया है और लोग खर्च करन के मुकाबले बचत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं
प्रधानमंत्री जनधन खातों की संख्या जहां सबसे ज्यादा है, उन राज्यों में ग्रामीण महंगाई घटी है। नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में तेजी से इजाफा हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 3 साल पहले कुल जनधन खातों में से करीब 77 फीसदी जीरो बैलेंस थे लेकिन अब सिर्फ 20 फीसदी ही जीरो बैलेंस बचे हैं।
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