जन औषधि केंद्र के छोटे संचालकों को बिना किसी गारंटी के सिडबी से कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिडबी की इस योजना से जन औषधि केंद्र के संचालकों को कारोबार शुरू करने या उसका विस्तार करने में मदद मिलेगी।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
Jan Aushadhi Kendra Open process: अगर आप भी जन औषधि केंद्र खोलने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। आज हम आपको इसे खोलने की पूरी प्रोसेस बताएंगे।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।
सरकार ने मार्च 2025 तक पीएमबीजेके की संख्या 10,500 करने का लक्ष्य रखा है। जिससे गरीबों की सस्ती दवाओं तक पहुंच आसान हो। 15 सितंबर 2020 तक देशभर में 6,606 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं।
सरकार ने हर ब्लॉक (प्रखंड) में सस्ती दवाओं के लिए कम से कम एक जन-औषधि केंद्र खोलने की योजना तैयार की है।
रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि स्टोर्स के साथ-साथ प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर खोल सकता है और वहां महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें भी लगा सकता है।
सरकार की देशभर में लगभग 1,000 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि स्टोर खोलने की योजना है ताकि लोगों को किफायती दाम पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा सके।
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार ने बीते दो साल में 500 दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों व दूसरे चिकित्सीय उपभोज्यों के दाम कम किए हैं।
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