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जियो ने कहा, ‘‘नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन भारतीय कंपनियों को विदेशी कंपनियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करेगा। विदेशी कंपनियों ने पहले आओ, पहले पाओ पर आधारित आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) प्राथमिकता लिस्ट को बाधित किया है और अपने खुद के समूह की योजना बनाई है।’’
माइक्रोसेव कंसल्टिंग के एक अध्ययन में 1,00,000 से अधिक महिला एमएसएमई वाले चार प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई। ये क्षेत्र हैं- सौंदर्य और स्वास्थ्य देखभाल, कपड़ा विनिर्माण, खुदरा व्यापार और खाद्य और पेय पदार्थ।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने आज यानी 15 अक्टूबर से ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। चुनाव आयोग ने राज्य में कई फ्लाइंग स्क्वॉड और सर्वीलांस टीमों को तैनात किया है।
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि भारत का टॉप लेंडर देश के सबसे नए फाइनेंशियल सेंटर गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) में अपनी ब्रांच के माध्यम से सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए सुविधा जुटा रहा है।
India foreign exchange reserves : सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था, जो पिछले कई हफ्ते से घट रहा है। इसके बावजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान की तुलना में 42 गुना ज्यादा बड़ा है।
विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर पैसे निकाल लिए। संतोष मीणा ने कहा कि इस तिमाही में सबसे बड़ी निराशा एफएमसीजी शेयरों से हुई, जहां मजबूत आय की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं।
निफ्टी ऑटो इंडेक्स टीआरआई ने पिछले एक वर्ष में 48.7% की सीएजीआर दी है, जबकि निफ्टी 50 टीआरआई ने 31 अक्टूबर, 2024 तक 28.3% सीएजीआर का रिटर्न दिया है।
CLSA ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के लिए मौजूदा लेवल से 30 प्रतिशत के अपसाइड के साथ 1650 रुपये का टारगेट दिया है। बताते चलें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों का मौजूदा भाव 1267.70 रुपये है। कंपनी के शेयर गुरुवार को 15.45 रुपये (1.23%) की अच्छी बढ़त के साथ 1267.70 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।
मांग में वृद्धि तथा बाजार में उपलब्ध अभूतपूर्व छूट से यात्री वाहनों की बिक्री में सुस्ती के बाद तेजी लौटी है। इस वर्ष 42 दिन की अवधि में दोपहिया वाहनों का पंजीकरण पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़कर 33,11,325 इकाई हो गया।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष अय्यर ने कहा, ‘‘पिछली तीन तिमाहियों से, हम अपनी लागत संरचना पर बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं। ऐसा मुख्य रूप से कच्चे माल की बढ़ती लागत, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव, लॉजिस्टिक खर्चों में बढ़ोतरी और महंगाई की वजह से हो रहा है।’’
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