आयकर विभाग की वेबसाइट पर आजकर आप भी रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन यहां शुरुआत के लिए आपको सही फॉर्म की पहचान करनी जरूरी होती है।
एक कारोबारी साल के दौरान हुए लेन-देन को वित्तीय संस्थानों को भरना होता है। इसे एनुअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न (एआईआर) कहा जाता है।
आयकर रिटर्न भरने में टालमटोल का रवैया ठीक नहीं होता है। इस चक्कर में कई बार मोटी पेनल्टी देनी पड़ती है।
रिटर्न भरने में बैंक अकाउंट्स का ब्योरा देना होता है। इसलिए भरने से पहले अपने सभी बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट्स निकाल लें।
आम तौर पर यह देखने को मिलता है कि नौकरी बदलने के बाद ज्यादातर कर्मचारी फॉर्म-16 लेना भूल जाते हैं। आप यह गलती न करें।
नया फॉर्म (आरटीआर-यू) करदाताओं को वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए अद्यतन आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए उपलब्ध होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटन फॉर्म 1 से 5 तक को आज नोटिफाई कर दिया है।
2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 है।
कर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप 31 मार्च तक रिटर्न नहीं दाखिल करते हैं तो आपको 50 फीसदी से लेकर 200 फीसदी तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
‘‘छापेमारी की कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, लुधियाना, लखनऊ और इंदौर में 45 से अधिक परिसरों पर की गई।’’
कई जरूरी काम की डेडलाइन 31 मार्च पहले से तय होती है। ऐसे में आपको यह महीना खत्म होने से पहले उन सभी जरूरी काम को निपटा लेना चाहिए।
करदाता एक आकलन वर्ष में सिर्फ एक बार अपडेट किया हुआ रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
एडिशनल इनकम पर 25 से 50 फीसदी टैक्स और अतिरिक्त इनकम पर लगने वाला ब्याज का भुगतान करना होगा।
आयकर विभाग ने ट्वीट करते हुए बताया कि आयकर पोर्टल में पेश आ रही दिक्कतों को देखते हुए आडिट रिपोर्ट फाइल करने और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया है।
यदि आप किसी वित्त वर्ष के लिए आईटीआर फाइल करने की मूल समयसीमा तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो आपके पास बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का मौका रहता है।
आइए जानते हैं ऐसे ही 5 कामों के बारे में, जिनके लिए 31 दिसंबर 2021 आखिरी तारीख है।
दरअसल पैन कार्ड और आधार कार्ड के लिंक होने के बाद अगर आपने भी कोई बड़ी ट्रांजेक्शन की है तो उसकी जानकारी आयकर विभाग के पास पहुंच जाती है।
यदि आईटीआर पहले ही फाइल हो चुका है और कुछ जानकारी को आईटीआर में शामिल नहीं किया जा सका है तब इस मामले में रिटर्न को टीआईएस में दिखाई गई सही जानकारी के आधार पर संशोधित किया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रणाली जून की तुलना में इस समय काफी हद तक बेहतर काम कर रही है लेकिन अब भी कुछ समस्याएं बनी हुई हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 234ए के तहत ब्याज और धारा 234 एफ के तहत विलंब शुल्क की गलत गणना से जुड़ी खामी को दूर करने के लिए आईटीआर सॉफ्टवेयर को एक अगस्त को ठीक कर दिया गया।
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