अगर आपकी आय मूल छूट सीमा से ज्यादा है, तो आपको ITR दाखिल करना जरूरी है। 2023-24 (मूल्यांकन वर्ष 2024-25) के लिए, पुरानी कर व्यवस्था के तहत 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये है और नई, न्यूनतम छूट व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरना ही काफी नहीं है। रिटर्न भरने के साथ-साथ उसे वेरीफाई भी करें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा।
पुरानी कर व्यवस्था के तहत, 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को 2.5 लाख रुपये से अधिक कर योग्य आय के साथ कर का भुगतान करना पड़ता है। वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 वर्ष) के लिए कर-मुक्त आय सीमा 3 लाख रुपये रखी गई है, और सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) के लिए, यह एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। आप आखिरी तारीख का इंतजार न करें, जितनी जल्दी हो इसे फाइल कर लें, ताकि किसी तरह के करेक्शन की स्थिति में आपको मौका मिल सके।
इनकम टैक्स रिटर्न हमेशा सावधानी से भरें। थोड़ी से चूक आपको परेशानी में डाल सकता है। आयकर विभाग गलत जानकारी देने पर टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है।
शेयर बाजार निवेश पर टैक्स बचाने का एक और स्मार्ट तरीका है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करें। अगर आप एक वर्ष से अधिक समय तक निवेश करेंगे, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के अंदर में आएगा। इस पर आपको सिर्फ 10% की दर से टैक्स देना होगा।
आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट दी जाती है। आप जीवनसाथी, बच्चों और आपके माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीद कर यह छूट प्राप्त कर सकते हैं।
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर किसी टैक्स पेयर की कुल सालाना आय, इनकम टैक्स की छूट सीमा से अधिक है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
करदाता को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अपने सभी बैंक खातों की जानकारी देनी होगी। आयकर रिफंड हो या न हो, बैंक खातों की जानकारी देना अनिवार्य है। बैंक खातों की जानकारी देते समय बैंकों के नाम, खाता संख्या, खाता प्रकार और IFSC कोड का उल्लेख करें।
अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने से चूक जाते हैं तो बाई-डिफॉल्ट न्यू टैक्स रिजीम अपना ली जाएगी। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम में HRA, LTA, धारा 80C, 80D, आदि जैसी छूट का लाभ नहीं मिलता है।
फॉर्म 16 जारी करने की अंतिम तिथि आयकर कानून के अनुसार, कटौतीकर्ता द्वारा TDS रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि से 15 दिनों के भीतर टीडीएस प्रमाणपत्र जारी किया जाना चाहिए।
वेरिफिकेशन अनुरोध की स्थिति करदाता के ई-फाइलिंग पोर्टल के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजी जाती है। अगर वेरिफिकेशन रद्द हो जाता है, तो विवरण निष्क्रिय बैंक खातों के अंतर्गत प्रदर्शित किए जाते हैं।
आपको सबसे पहले यह देखना है कि आप किस फॉर्म के लिए एलिजिबल हैं। यानी आपको कौन सा फॉर्म चुनना है। साथ ही ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड आईडी और एक्टिव पैन कार्ड होना चाहिए ताकि आप अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकें।
वित्त वर्ष के दौरान कई बार टीडीएस या अन्य मदों के चलते आपको रिफंड मिलता है। रिटर्न फाइल करते समय आयकर विभाग इसके लिए आपसे आपकी बैंक डिटेल्स मांगता है।
अधिकांश वेतनभोगी करदाता अब अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीडीएस भुगतान - नियोक्ताओं द्वारा (वेतन पर स्रोत पर कर कटौती के लिए) और बैंकों (सावधि जमा ब्याज पर टीडीएस के लिए) - 30 अप्रैल तक किया जाएगा।
आकलन वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए दाखिल कुछ आईटीआर में दर्ज वित्तीय लेनदेन की जानकारी और विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच अंतर है।
अगर अभी तक आपने इनकम टैक्स बचाने के लिए फाइनेंसिशल प्लानिंग नहीं की है तो अब देर मत कीजिए। अपनी इनकम के अनुसार योजना बनाकर सही प्रोडक्ट में निवेश कर दें।
Income Tax Return Last Date : अगर आपने अभी तक भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो अब आपके पास सिर्फ 1 दिन बचा है। 31 दिसंबर 2023 बिलेटेड या रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने का आखिरी दिन है।
पिछले चार सालों के दौरान जीरो टैक्स देनदारी वाले आईटी रिटर्न की संख्या वित्त वर्ष 2019-20 के 2.90 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 5.16 करोड़ हो गई है।
इनकम टैक्स से जुड़े जिस प्रूफ का सबसे अधिक फर्जी इस्तेमाल होता है, वह है रेंट रिसीट। अब आयकर विभाग ऐसे ही फर्जीवाड़े पर लगाम लगा रहा है
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