अपने आईटीआर में जीरो टैक्स योग्य इनकम की रिपोर्ट करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या आकलन वर्ष 2023-24 में 4.90 करोड़ है, जो 2022-23 में 4.64 लाख थी।
अगर टैक्सपेयर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR दाखिल करने की 31 दिसंबर की समयसीमा चूक जाते हैं, तो जुर्माना राशि बढ़कर 10,000 रुपये हो जाएगी, बशर्ते वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक हो।
आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।
लोग अपना सुझाव लेने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक वेबपेज शुरू किया गया है। लोग अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर और ओटीपी के माध्यम से इसपर जा सकते हैं।
रिफंड आने में देरी हो रही है तो सबसे पहले आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्थिति की जांच करनी चाहिए। इससे आपको प्रोसेसिंग के मौजूदा चरण और किसी भी मुद्दे के बारे में जानकारी मिलेगी जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
भारत में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के 165 साल पूरे होने पर आयोजित एक खास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इनकम टैक्स जांच के प्रमुख निदेशक एस. के. झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली इनकम टैक्स टीम को 'सीबीडीटी उत्कृष्टता प्रमाणपत्र' से सम्मानित किया।
रिफंड में होने वाली देरी के लिए सरकार टैक्सपेयर्स को सालाना 6 प्रतिशत का ब्याज देती है। रिफंड में होने वाली देरी के लिए 1 अप्रैल से रिफंड देने की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाता है।
आम तौर पर, आईटीआर-1 फॉर्म के रिफंड दावों को सबसे पहले निपटाया जाता है। इसके बाद आईटीआर-2 और आईटीआर-3 का स्थान आता है।
आईटीआर डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित किया जाता है, लेकिन ई-वेरीफाई करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर रिटर्न फाइल किया हुआ नहीं माना जाता है।
आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त करने के बाद सबसे पहले इसे ध्यान से पढ़ना असैा समझना चाहिए। नोटिस मिलने पर धबराएं नहीं। आयकर विभाग आयकर अधिनियम, 1961 की विभिन्न धाराओं के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है।
अगर आप 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाएं हैं तो अब 31 दिसंबर, 2024 तक अपना पेनल्टी चुकाकर ITR दाखिल कर सकते हैं।
आपको बता दें कि आयकर रिफंड की प्रोसेसिंग तभी शुरू होती है जब टैक्सपेयर द्वारा रिटर्न को ई-वेरिफाई किया जाता है। आम तौर पर, करदाता के खाते में रिफंड जमा होने में 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है।
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से नई टैक्स व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि डेडलाइन के बाद रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए जुर्माने से कोई छूट नहीं दी जाती है। करदाताओं को आयकर रिटर्न जमा करने के बाद रिटर्न को सत्यापित करना नहीं भूलना चाहिए।
ITR Last Date : 31 जुलाई तक 7 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न भरे गये हैं। आयकर विभाग ने एक्स पर यह जानकारी दी है।
टैक्स रिफंड केवल उन्हीं बैंक खातों में जमा किया जाता है जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ईसीएस) के जरिये पहले से वेरिफाई किया गया है।
अगर आपने अभी तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो अब समय बर्बाद नहीं करें। जल्द से जल्द अपना रिटर्न फाइल करें।
वर्तमान में, वित्त वर्ष 24 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। इस तिथि के बाद ITR दाखिल करने पर जुर्माना लगेगा, जो विभिन्न आय स्तरों के आधार पर अलग-अलग होता है।
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए थे। बजट में घोषित व्यापक आयकर समीक्षा के पीछे का विचार कर कानून को सरल बनाना है।
उन्होंने कहा कि एकत्र किए गए डेटा की तुलना घोषित और दायर किए गए डेटा से की जाएगी। आयकर विभाग ने AI का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। अब इसे इस साल से पहली बार लागू किया जाएगा।
लेटेस्ट न्यूज़