आईआरडीएआई के अध्यक्ष डेबिस पांडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को निश्चित रूप से कम लागत वाले डिस्ट्रीब्यूशन सॉल्यूशन की जरूरत होती है जैसे कि बैंकों द्वारा ऑफर किया जाता है। इसका असर देश भर में बड़े पैमाने होता है।
इंश्योरेंस में 'सरेंडर वैल्यू' का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की मैच्यॉरिटी डेट से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से पॉलिसीहोल्डर को दी जाती है। अगर कोई पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी मैच्यॉर होने से पहले उसे सरेंडर करने का फैसला करता है तो उसे इनकम और सेविंग्स का हिस्सा दिया जाएगा।
इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीएआई की वेबसाइट काफी समय से ओपन नहीं हो पा रही है। यूजर्स लगातार इस परेशानी से जूझ रहे हैं।
बीमा कंपनियों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि बाजार से जुड़ी बीमा योजनाएं पारंपरिक बंदोबस्ती पॉलिसियों से भिन्न हैं और उनमें जोखिम भी होता है। भाग लेने वाली (बोनस के साथ) बंदोबस्ती पॉलिसियों को पहले ही यह बताना होगा कि मुनाफे में अनुमानित बोनस की गारंटी नहीं है।
बीमा नियामक आईआरडीएआई ने ने कहा है कि सभी तरह के अस्पतालों में बीमा कवरेज उपलब्ध होना चाहिए, जिसमें किफायती अस्पताल भी शामिल हैं। कवरेज में आपातकालीन स्थितियों में कवरेज से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
जीवन बीमा पॉलिसी के संबंध में सभी विनियमों को एकीकृत करने वाले ‘मास्टर’ सर्कुलर को बुधवार को जारी करते हुए इरडा ने कहा कि ‘फ्री-लुक’ अवधि अब 30 दिन की है। पहले यह अवधि 15 दिन थी।
कोरोना महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है। वहीं दूसरी ओर कंपनियों द्वारा क्लेम देने में अनाकानी के मामले भी बढ़े हैं।
चूंकि यह डिजिटल प्रारूप में होगा, इसलिए आपको किसी भी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ के गुम होने की चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने यह फैसला बीमा नियामक आईआरडीएआई के इस संबंध में 28 मार्च 2024 को जारी निर्देश के मुताबिक लिया है।
IRDA की ओर से हाल ही में बीमा क्षेत्र के कई नियमों में बदलाव किया गया है। इसमें बीमा पॉलिसी वापसी से जुड़ा भी नियम शामिल है।
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक मसौदा जारी कर बीमा से संबंधित विभिन्न नियमों के कई प्रावधानों को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा है। नियामक ने नॉमिनी का उल्लेख किए जाने को अनिवार्य बनाने की भी बात कही है।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने अपने एक मसौदा प्रस्ताव में कहा है कि पॉलिसीधारकों को सशक्त बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए यह पहल की गई है।
Health Insurance: इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर एक नया रूल 1 जनवरी से लागू किया जा रहा है। आइए जानते हैं विस्तार से...
इंश्योरेंस रेगुलेटर के मुताबिक, 34 सामान्य बीमा कंपनियां और 24 जीवन बीमा कंपनियां काम कर रही हैं। बीमा क्षेत्र बहुत बड़ा है और 15-20% की तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।
इंश्योरेंस कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कस्टमर उनकी पॉलिसी (Health insurance policy) शर्तों को आसानी से समझ पाएं। सीआईएस पर फ़ॉन्ट का आकार न्यूनतम 12 (एरियल) या बड़े आकार में देखने को मिलेगा।
क्लेम रिजेक्ट होने पर आपके पास उपभोक्ता अदालत सहित कई प्लेटफॉर्म हैं जहां आप अपने सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
Insurance Premium: इंश्योरेंस खरीदने की सोच रहे ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। इंश्योरेंस रेगुलरेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Irdai) ने बीमा कंपनियों को एक नया निर्देश जारी किया है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
इरडा ने बीमा कंपनियों से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के जरिये कोविड महामारी की रोकथाम के लिये अपनाये जाने वाले व्यवहार को प्रोत्साहित करने को कहा।
बीमा नियामक इरडा ने सोमवार को बीमा कंपनियों को मार्च 2022 तक अल्प अवधि के लिये कोविड केंद्रित स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बेचने और उनके नवीनीकरण की अनुमति दी है।
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ने एक बयान में कहा कि कंपनी तेजी से बढ़ते एसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यापक योजनाएं शुरू कर रही है ताकि ग्राहकों को ऑफलाइन उपस्थिति से बेहतर सेवा मिल सके।
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