पाकिस्तान और रूस ने समुद्र के नीचे गैस पाइपलाइन के व्यवहार्यता अध्ययन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप दिया है।
मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 में रिकॉर्ड चावल निर्यात के बाद अब नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत भी बढ़े हुए चावल निर्यात से हुई है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के पहले महीने अप्रैल के दौरान देश से चावल निर्यात में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच तेल, गैस एवं बैंकिंग क्षेत्र में संबंधों को व्यापक बनाने जैसे मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई। इसके बाद दोनों पक्षों ने 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए
ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत तट का यह बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट से नजदीक है और आसानी से संपर्क के योग्य है।
अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 62,73,674 टन चावल निर्यात हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष की पहली छमाही में अबतक का सबसे अधिक निर्यात है।
मुश्किल वक्त में ईरान के साथ मजबूती से खड़े रहने के बदले भारत को ईरान से उसके फरजाद-बी गैस क्षेत्र के मिलने की उम्मीद है।
भारत से कतर की हवाई यात्रा में अब अधिक समय लगेगा क्योंकि विमानन कंपनियों को पाकिस्तान व ईरान से होकर लंबा मार्ग अपनाना पड़ रहा है।
ईरान ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) को फर्जाद-बी प्राकृतिक गैस-ब्लॉक आवंटित करने के लिए नई शर्त लगाई है। ईरान बाजार की तीन गुणा दर लगाना चाहता है।
अमेरिका, ईरान और ऑस्ट्रेलिया को आम के निर्यात में सफलता हासिल करने के बाद भारत ने अपनी निगाहें जापान और दक्षिण कोरिया के बाजारों पर लगा दी हैं।
नितिन गडकरी ने आज कहा कि ईरान में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। भारत ने ईरान में पहले ही एक वैश्विक कंपनी का गठन किया है।
भारत ने ईरान से कच्चे तेल आयात की मात्रा कम करने की धमकी क्या दी, ईरान ने बदले में आयातित तेल के भुगतान का समय तीन माह से घटाकर दो माह कर दिया।
भारतीय कंपनियों के ईंधन आयात में कटौती करने की धमकी पर आपत्ति जताते हुए ईरान ने कहा कि उनके पास उनके तेल के और भी खरीदार हैं।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा है कि भारत और ईरान के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कृषिं जिंसों पर शुल्कों को तर्कसंगत करने की जरूरत है।
एस्सार आयल ने नए रास्ते से ईरान को तेल बकाए का 50 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है। इस तरह उसने अपने उपर कुल बकाया का 20 प्रतिशत चुका दिया है।
भारत ने ईरान से यहां एक तेल क्षेत्र के परिचालन का अधिकार मांगा है, ताकि यहां से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी की ईरान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 12 अहम करार हुए। इसमें रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का है।
भारत ईरान के चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगा, जिसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ईरान पर से अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध समाप्त होने से बहुत अधिक अवसर सामने आए हैं
मोदी की ईरान यात्रा से पहले भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने ईरान को 6.4 अरब डॉलर की बकाया राशि में से 1.25 अरब डॉलर का आंशिक भुगतान कर दिया।
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