वैश्विक तेल बाजार में आज से नई हलचल का दौर शुरू हो गया है। सोमवार से ईरान के तेल और वित्तीय क्षेत्र के लिए अब तक के सबसे कड़े अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो गए हैं।
भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
अमेरिका ऐसे देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, जो ईरान से अपना तेल आयात कम कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत और तुर्की जैसे देशों को छूट नहीं देगा, क्योंकि इससे तेहरान पर लगे प्रतिबंधों पर दबाव कम हो सकता है।
कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद भारी गिरावट का सामना कर रहे क्रूड ऑयल बाजार में कोहराम मच गया है। सोमवार को क्रूड ऑयल की कीमत 29 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गई।
ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध को अमेरिका ने खत्म कर दिया है। इससे क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और गहरा सकती है। परमाणु कार्यक्रम के चलते प्रतिबंध लगा था।
लेटेस्ट न्यूज़