कोई भी पॉलिसीधारक आरक्षित श्रेणी में दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है, खुदरा श्रेणी में भी दो लाख रुपये तक का निवेश किया सकता है।
दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा देश की मूल्यवान कंपनी LIC का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) सभी भारतीयों को संपत्ति बढ़ाने का एक मौका दे रहा है।
उम्मीद के अनुरूप खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों को प्रति शेयर 45 रुपये की छूट मिलेगी। वहीं, जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये की छूट मिलेगी।
सरकार एलआईसी में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। इश्यू का आकार 21,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है
सूत्रों के अनुसार, जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर को आईपीओ प्राइस बैंड पर 10% की छूट मिल सकती है। साथ ही रिटेल निवेशकों को भी आईपीओ में छूट देने का फैसला हो सकता है।
बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार को निर्गम का आकार 3.5 प्रतिशत पर लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी लेकिन भूराजनीतिक तनाव के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था।
सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों में संशोधन किया है। इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी में 20 प्रतिशत तक एफडीआई का रास्ता खुल गया है।
धर्मज क्रॉप गार्ड और वीनस पाइप्स एंड ट्यूब्स को आईपीओ के जरिये धन जुटाने के लिए नियामकीय मंजूरी मिल गई है।
यथार्थ हॉस्पिटल दिल्ली-एनसीआर में तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों का संचालन करती है। हाल में कंपनी ने मध्य प्रदेश में भी विस्तार किया है।
कंपनी 100 करोड़ रुपये के आईपीओ पूर्व नियोजन पर भी विचार कर सकती है।
जोयालुक्कास ने सेबी के पास आईपीओ दस्तावेज (डीआरएचपी) जमा कराए हैं। दस्तावेजों के अनुसार, आईपीओ पूर्ण रूप से नए शेयरों के रूप में होगा।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दिसंबर के नतीजों के साथ एलआईसी के अद्यतन दस्तावेज (डीआरएचपी) दाखिल कर दिए गए हैं।’’ नवीनतम जानकारी के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एलआईसी को 235 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ।
अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके तहत 31 करोड़ से ज्यादा शेयर आईपीओ के जरिये आएंगे।
सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था।
एलआईसी आईपीओ को मार्च के पहले हफ्ते में नियामकीय मंजूरी के बाद खुलने की उम्मीद थी। हालांकि, अब आईपीओ लॉन्च शेड्यूल में बदलाव हो सकता है।
इन कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष सितंबर-नवंबर 2021 के बीच आवेदन किए थे। मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक एपीआई होल्डिंग्स अपने आईपीओ के जरिये 6,250 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी पहले ही अपने मार्जिन को सात प्रतिशत अंक बेहतर करते हुए 9.9 प्रतिशत पर पहुंचा चुकी है। सरकार ने एलआईसी के अधिशेष एवं लाभ वितरण नियमों में बदलाव कर इसके मार्जिन में बढ़ोतरी का रास्ता आसान बनाया है।
एलआईसी की ओर से लाया जा रहा है आईपीओ का साइज अब तक भारतीय बाजार के लिए सबसे बड़ा होने की उम्मीद है।
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