छह करोड़ डॉलर लक्जर कैपिटल ग्रुप एलपी और पांच करोड़ डॉलर कोरा इन्वेस्टमेंट्स से जुटाई गई है। मिराई एसेट ने जोमैटो में चार करोड़ डॉलर, स्टीडव्यू कैपिटल और बो वेव कैपिटल मैनेजमेंट ने दो-दो करोड़ डॉलर तथा बैली गिफर्ड एंड कंपनी ने 50 लाख डॉलर का निवेश किया है।
भारत की तरफ से छह प्रमुख उद्योगपति सम्मेलन में भाग लेंगे। इसमें एचडीएफसी के दीपक पारेख, सन फार्मा के दिलीप सांघवी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुकेश अंबानी, इन्फोसिस के नंदन नीलेकणि, टाटा समूह से रतन टाटा और कोटक महिन्द्रा बैंक के उदय कोटक शामिल हैं।
पैनल में शामिल प्रशिक्षक नियामक के निवेशक शिक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में की जा रही पहल को आगे बढ़ाएंगे। ये प्रशिक्षक निवेशकों के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे जिससे आम लोगों की बाजार को लेकर समझ और बेहतर हो।
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में कंपनियों को 2019- 20 वित्त वर्ष की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) करने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दे दिया।
यस बैंक का एफपीओ 15 जुलाई को खुलकर 17 जुलाई को बंद होगा
कंपनी के मुताबिक मतदान में नकारात्मक परिणाम आये तो पैसा लौटाने की प्रक्रिया में देर संभव
पिछले दो महीने से घरेलू बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं विदेशी निवेश
बंद की गई 6 योजनाओं में निवेशकों की 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम फंसी
शेयर बाजार में सोमवार शुरुआती एक घंटे के कारोबार के दौरान निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति डूब गई।
कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है, और एक दिन में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए।
शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई।
वित्त मंत्री के मुताबिक विदेशी निवेशक भारत में निवेश के इच्छुक
रिटायरमेंट पर आधारित म्यूचुअल फंड्स स्कीम के एसेट अंडर मैनेजमेंट 25% बढ़े हैं
दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,57,044.43 करोड़ रुपए बढ़कर 1,56,61,769.40 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
टाटा ने कहा कि हमारे सामने एसी स्टार्टअप कंपनियां भी हो सकतीं हैं, जो हमारा ध्यान खीचेंगी, पैसा जुटाएंगी और गायब हो जाएंगी।
भारतीय शेयर बाजार में आगामी कारोबारी सप्ताह के दौरान उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल सकता है, क्योंकि निवेशकों को आगामी आम बजट-2020 का इंतजार रहेगा।
बीएसई पर 1820 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए, जबकि 752 कंपनियों में गिरावट दर्ज की गई। 208 कंपनियों के शेयरों में कोई बदलाव नहीं आया।
खुदरा निवेशक इक्विटी से बेहतर आय होने के कारण पिछले कुछ साल से गोल्ड ईटीएफ की तुलना में इक्विटी में अधिक निवेश कर रहे थे।
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बाद से भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का दौर शुरू हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने आगामी बजट में भी सुधारों को आगे बढ़ाया तो निश्चित रूप से 2020 में भी शेयर बाजार के निवेशक अच्छी कमाई कर सकते हैं।
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