पीपीएफ में आपको हर साल पैसा जमा कराना होता है। पीपीएफ खाते में अगर आपने एक साल में कम से कम 500 रुपये भी जमा नहीं किए तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है। देशभर के तमाम बैंक और डाकघरों में पीपीएफ खाता खोला जाता है।
स्कीम के तहत एक अकेला वयस्क, तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट भी खोलकर पैसे लगा सकते हैं। साथ ही अगर कोई 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग है तो वह भी इसमें अपने नाम से निवेश कर सकता है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी की मदद से 10,000 रुपये के मासिक निवेश से 6 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए आपको स्टेप-अप फॉर्मूला का इस्तेमाल करना होगा।
पीपीएफ में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ में आंशिक निकासी 7 साल बाद कर सकते हैं, जबकि वीपीएफ में आंशिक निकाली 5वें साल कर सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर सेंसेक्स 1279.29 अंक लुढ़ककर 84314.25 के लेवल पर कारोबार कर रहा था, वहीं, निफ्टी 50 भी 372 अंक लुढ़कर 25806.95 के लेवल पर कारोबार कर रहा था।
भारत सरकार की इस बेहद खास स्कीम में इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। बेटियों के भविष्य को संवारने में यह एक शानदार योजना है। इसमें निवेश करना भी काफी आसान है।
कृषि भूमि खरीदने से पहले कागजी जानकारी जरूर जुटा लें। यह पता करें कि जो जमीन आप खरीदने जा रहे हैं वह विवाद मुक्त है या नहीं। अगर विवादित जमीन है तो कभी न खरीदें।
अगर आप 25 साल में 5 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं तो म्यूचुअल फंड एसआईपी से ये संभव हो सकता है। मान लीजिए अगर आपको हर साल 12 प्रतिशत का औसतन सालाना रिटर्न मिल रहा है तो आपको हर महीने 27,000 रुपये की एसआईपी करनी होगी।
31 अगस्त, 2024 तक इस स्कीम का एयूएम 3983.77 करोड़ रुपये था। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि निवेशकों ने इस फंड में कुल 3983.77 करोड़ रुपये निवेश कर रखे हैं। इस स्कीम का मौजूदा एनएवी 62.40 रुपये है। ये स्कीम Very High Risk के तहत आती है।
अपने सामने आने वाली हर म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने का लालच न करें। इससे आपका रिटर्न कम हो सकता है और आप एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाने से चूक सकते हैं।
Financial Planning Tips : 72,114 और 144 के नियम बताते हैं कि आपके निवेश की रकम को दोगुना, तीन गुना या चार गुना होने में कितना समय लगेगा।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते समय आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला रिटर्न कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में आता है। यानी आपको म्यूचुअल फंड से जो रिटर्न मिलेगा, उस पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान भी करना होगा।
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि (अमेरिकी ब्याज दरों का) स्तर कहां है। हमें यह देखना होगा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बाजार कैसे व्यवहार करते हैं।
इस योजना के तहत सिर्फ बेटियों के खाते खोले जाते हैं, जिनकी उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए। सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में कम से कम 250 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1,50,000 रुपये तक का सालाना निवेश किया जा सकता है।
बजट एक बड़ी भूमिका निभाता है, जिसमें यह आपको बताता है कि पैसे कैसे बचाएं। अगर आप बचत शुरू करने से पहले पर्याप्त इनकम अर्जित करने का इंतजार करते हैं, तो वह दिन कभी नहीं आ सकता है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करने से पहले इस बात का खास ध्यान रखें कि इसमें किया जाने वाला निवेश पूरी तरह से शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड एसआईपी से मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना पड़ता है।
सेबी की इस पहल से बोनस शेयर आवंटन और कारोबार के बीच समय अंतराल कम होगा जिससे जारीकर्ताओं और निवेशकों दोनों को लाभ होने की उम्मीद है।
कुछ बेईमान लोग निवेशकों को धोखा देते हैं, क्योंकि वे अपना पैसा गैर-मौजूद कंपनियों या योजनाओं में लगाते हैं, ताकि वे इसे चुरा सकें। इस तरह की धोखाधड़ी को पोंजी स्कीम कहते हैं।
नीदरलैंड्स की एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स अगले कुछ सालों में भारत में अपनी आरएंडडी गतिविधियों को दोगुना करने के लिए एक अरब डॉलर (8400 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश करने की योजना बना रही है।
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट में सिर्फ महिलाओं के नाम से ही खाता खुल सकता है। माता-पिता अपनी ओर से नाबालिग बच्ची के नाम पर भी इस स्कीम में खाता खुलवा सकते हैं।
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