अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान देश में कुल 67.54 अरब डॉलर के बराबर एफडीआई आया है। मंत्रालय के मुताबिक किसी भी वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान दर्ज किया गया य़े अब तक का सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रहा है।
बुधवार को कारोबार बंद होने के बाद बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3,69,170.72 करोड़ रुपये बढ़कर 2,10,22,227.15 करोड़ रुपये हो गया।
भारत की तटीय सीमा के साथ 189 लाइट हाउस हैं इनमें से 78 लाइटहाउस को बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई है।
बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को बड़ी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। यह पिछले दो माह में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इक्विटी में 24,204 करोड़ रुपये और डेट में 761 करोड़ रुपये निवेश किए। इस तरह एक फरवरी से 19 फरवरी के बीच कुल निवेश 24,965 करोड़ रुपये रहा।
गूगल ने बुधवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारत में छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को समर्थन देने के लिए 15 लाख डॉलर (लगभग 109 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी।
चीनी स्टॉक पंजीकरण और क्लियरिंग लिमिटेड कंपनी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2012 तक चीन की मुख्य भूमि के शेयर बाजारों में निवेशकों की कुल संख्या 17 करोड़ 77 लाख थी, जबकि पिछले साल नये निवेशकों की संख्या बढ़कर लगभग 1 करोड़ 80 लाख हो गयी।
सरकार के मुताबिक एफडीआई इक्विटी प्रवाह चालू वित्त वर्ष के पहले आठ में 43.85 अरब डॉलर रहा है। यह किसी वित्त वर्ष के पहले आठ माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। पिछले वित्त 2019-20 के पहले आठ की तुलना में यह 37 प्रतिशत अधिक है।
एफपीआई ने एक से आठ जनवरी के बीच इक्विटी में 4,819 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 337 करोड़ रुपये निवेश किया। इस तरह जनवरी के महीने में 8 तारीख तक एफपीआई ने कुल 5,156 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
जिन क्षेत्रों में अधिकतम विदेशी पूंजी प्रवाह आया, उसमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेवाएं, व्यापार, रसायन और वाहन शामिल हैं। देश में सर्वाधिक निवेश सिंगापुर, अमेरिका, मॉरीशस, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फ्रांस और जापान से आया।
सेंसेक्स के सभी शेयर नुकसान में रहे। रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख-रणनीति विनोद मोदी ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली दबाव देखने को मिला।
स्टॉक में निवेश करने के कई तरीके हैं। सबसे पहले आप अपनी सुविधानुसार तरीके का चयन करें।
निवेश यदि मुनाफेमंद न हो तो उसका कोई मतलब नहीं रह जाता। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स कई दशकों से आम लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं।
सेबी ने स्मार्ट कार्यक्रम के तहत पहले बैच में पैनल में 16 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 40 लोगों को शामिल किया है। इन लोगों को चार दिन का प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट (एनआईएसएम) में भी दिया गया है।
विदेशी कंपनियों के साथ-साथ 29 घरेलू कंपनियो ने 37 हजार 144 करोड़ रुपए के निवेश का करार किया है। 28 विदेशी कंपनियो में कनाडा की दो, जर्मनी की चार, हांगकांग की एक, जापान की सात, सिंगापुर की दो, यूनाईटेड किंगडम की तीन, यूएसए की पांच और कोरिया की चार कंपनियां हैं।
विश्व बैंक की कारोबार सुगमता 2020 रिपोर्ट में छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के मामले में भारत पिछले साल के सातवें स्थान से फिसलकर 13वें स्थान पर आ गया है। हालांकि कारोबार सुगमता को लेकर भारत की रैकिंग पूर्ववत रही है
उत्तर प्रदेश में 10 देशों की कंपनियों ने 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इन देशों में जापान, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। वहीं एप्पल के सप्लायर ने भारत में 15 करोड़ डॉलर के निवेश को मंजूरी दे दी है।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर में बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अगस्त, 2019 के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह सबसे ऊंचा स्तर है। अगस्त 2019 में विदेशी निवेशको के जरिए पी-नोट्स से निवेश का आंकड़ा 79,088 करोड़ रुपये रहा था।
छह करोड़ डॉलर लक्जर कैपिटल ग्रुप एलपी और पांच करोड़ डॉलर कोरा इन्वेस्टमेंट्स से जुटाई गई है। मिराई एसेट ने जोमैटो में चार करोड़ डॉलर, स्टीडव्यू कैपिटल और बो वेव कैपिटल मैनेजमेंट ने दो-दो करोड़ डॉलर तथा बैली गिफर्ड एंड कंपनी ने 50 लाख डॉलर का निवेश किया है।
एलआईसी के मुताबिक, इस प्लान को 13 साल से लेकर 50 साल तक का कोई व्यक्ति ले सकता है। इस प्लान में हर पाचवें साल में यानी 5वें साल, 10वें साल, 15वें साल, 20वें साल पर 15-20 फीसदी मनी बैक मिलेगा।
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