प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं। इसके लिए वो उन्हें अच्छी स्कूल में पढ़ाई कराते हैं। हायर एजुकेशन के लिए बेस्ट कॉलेज में दाखिला दिलवाते हैं।
#RajasthanGlobalInvestmentSummit2024 के दौरान करण अदानी ने आगे कहा कि ऊर्जा के अलावा, राजस्थान भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बनने की हमारी महत्वाकांक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हम राज्य में प्रति वर्ष 6 मिलियन टन की अतिरिक्त क्षमता बनाने के लिए 4 नए सीमेंट संयंत्र स्थापित करेंगे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भी इस तेजी को और बढ़ावा दिया, जिन्होंने पिछले दो सत्रों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाए, इसमें उतना मुनाफा है। दरअसल, एसआईपी में जो कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है, वो लंबे समय में ही ज्यादा प्रॉफिट देता है। 25 साल में करोड़ों रुपये का फंड इकट्ठा करने के लिए आप सिर्फ 5000 रुपये के साथ भी एसआईपी शुरू कर सकते हैं।
राज्य अपने औद्योगिक बुनियादी ढांचे और उद्योग संबंधी नीतियों के माध्यम से भारत और विदेश से व्यवसाय को आकर्षित कर रहा है। इससे पहले बिहार लेदर इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 18 नवंबर को कानपुर में उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और निवेशकों के साथ मिलकर किया गया था।
एफडी के नियमों के अनुसार एक वित्त वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज प्राप्त करने पर 10 प्रतिशत के टीडीएस का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो आप ये टीडीएस बचा सकते हैं।
महंगाई को देखते हुए भविष्य में बच्चों के भविष्य के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत होगी। ऐसे में अगर शुरुआत से ही सही स्ट्रैटेजी के साथ निवेश की शुरुआत कर दी जाए तो आगे राह आसान हो जाएगा। मार्केट में बच्चों के हिसाब से निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं।
एसआईपी से मिलने वाला रिटर्न 4 प्रमुख बातों पर निर्भर करता है। पहला ये कि आपको कितने साल के लिए निवेश करना है, दूसरा ये कि आपने कितने रुपये जमा करने का लक्ष्य तय किया है, तीसरा ये कि आप कितने रुपये का निवेश करेंगे और चौथा ये कि आपको कितने प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है।
दिग्गज निवेशक Warren Buffett ने अपने कई निवेश को कई गुना रिटर्न में तब्दील करके दिखाया है। अगर आप भी सफल निवेशक बनना चाहते हैं तो बफेट के दिए मंत्र से सीख ले सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार में आज आई तेजी के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत मुख्य वजह रही। ट्रंप की जीत से भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला।
72 का नियम बताता है कि किसी निवेश विकल्प में आपका पैसा कब डबल होता है। 72 के नियम को समझने के लिए आपको 72 में संभावित सालाना रिटर्न की दर का भाग देना होगा।
जिस प्रकार पूजा की थाली इन सभी वस्तुओं के बिना अधूरी है, उसी तरह एक पोर्टफोलियो को संतुलित करने और लंबी अवधि में हाई रिटर्न हासिल करने के लिए एसेट क्लास के मिश्रण की जरूरत होती है।
पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष होती है, जिसे पांच वर्षों के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये प्रति वर्ष है, और अधिकतम 1.5 लाख रुपये है।
भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसके चलते दुनियाभर के निवेशकों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। इससे भारतीय बाजार में तेजी बनी हुई है। इसका फायदा छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये उठा सकते हैं।
जब बाजार ऊंचाई पर होते हैं, तो फंड में इक्विटी अच्छा रिटर्न देता है, जबकि डेट स्थिरता प्रदान करता है। ये फंड इक्विटी के माध्यम से लंबे समय में बेहतर रिटर्न और डेट के माध्यम से स्थिरता और नियमित इनकम देने में मदद करते हैं।
अगर 10 साल से ज्यादा उम्र का कोई नाबालिग है तो वह भी अपने नाम से आरडी स्कीम का यह अकाउंट चला सकता है। खास बात यह भी है कि इस स्कीम के तहत आप चाहे जितनी मर्जी हो उतने अकाउंट खोल सकते हैं।
25 साल में एसआईपी से 10 करोड़ रुपये जमा करने के लिए आपको 2 सबसे अहम बातों का ध्यान रखना होगा। पहला ये कि आपको कितना रिटर्न मिल रहा है और दूसरा ये कि आप हर महीने कितने रुपये का निवेश कर रहे हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बुनियादी नियम वास्तव में लंबी अवधि के बारे में सोचना है। यह इसे सुरक्षित निवेश नहीं बना सकता है, लेकिन यह ऐसे निवेशों में शामिल जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
5000 रुपये की एसआईपी से 5 करोड़ रुपये का फंड तैयार कैसे हो सकता है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि एसआईपी का पूरा फायदा तभी मिलेगा जब आप इसमें ज्यादा से ज्यादा समय के लिए निवेश जारी रखेंगे।
म्यूचुअल फंड्स एसआईपी में एक फिक्स डेट पर एक फिक्स अमाउंट जमा किया जाता है। यहां हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड्स एसआईपी से मोटा पैसा बनाने के लिए किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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