कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पांच करोड़ अंशधारकों के खातों में 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा कराने को कहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जून में होने वाली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को यथावत रखते हुए उसमें कोई भी बदलाव नहीं करेगा। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नए वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। फेडरल रिजर्व की मौजूदा अध्यक्ष जेनेट येलेन के स्थान पर इस सप्ताह जेरोमी पॉवेल मोर्चा संभालेंगे।
सरकार ने विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.2 प्रतिशत कटौती करने की घोषणा की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक ने चुनिंदा परिक्वता अवधि वाले ऋण पर कोष की सीमांत लागत आधारित दर (एमसीएलआर) 0.05 प्रतिशत तक कम कर दी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सब्सक्राइबर्स को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अपनी जमा राशि पर पिछले साल की तुलना में कम ब्याज मिल सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपनी सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.10 से 0.15 प्रतिशत कटौती की है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को अपनी दो दिवसीय बैठक शुरू की। ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।
छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत समीक्षा और वृहद आर्थिक आंकड़ें शेयर बाजार के कारोबार का रूख तय करेंगे।
थोक महंगाई दर जनवरी में ढाई साल के उच्चतम स्तर 5.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसके बाद भारतीय उद्योग जगत ने ब्याज दरों को कम करने की मांग की है।
मुद्रास्फीति नरम रखने की दृष्टि से अच्छा है और इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत कर की कटौती कर सकता है
देश में निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपनी मानक ब्याज दर 0.90 प्रतिशत तक कम कर दी। इससे पहले एसबीआई समेत कई बैंकों ने दरें घटाई है।
डॉलर के मुकाबले रुपए पर दबाव, अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती से ब्याज दरों में कटौती की संभावना काफी कम है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी और अप्रैल में केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों (ब्याज) में चौथाई-चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
ऐसा नहीं है कि Credit Cards पर कोई शुल्क नहीं लगता। कई तरह के शुल्क और शर्तें तो ऐसी होती हैं जिसके बारे में ग्राहक को शुरुआती बातचीत के दौरान कोई जानकारी नहीं ही दी जाती।
अब आपको PPF, नेशनल सेविंग स्कीम, पोस्ट ऑफिस योजनाओं पर मिलने वाला इंटरेस्ट रेट्स यानी आपकी बचत पर मिलना वाला ब्याज 0.10% कम हुआ।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के चार करोड़ से अधिक अंशधारकों को मौजूदा वित्त वर्ष में अपनी EPF जमाओं पर 8.6 फीसदी की दर से ब्याज मिल सकता है।
महंगाई दर संतोषजनक स्तर से ऊपर होने के कारण मंगलवार को गवर्नर रघुराम राजन की आखिर मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है।
मॉर्गन स्टेनली के शोध नोट में कहा गया है, हम मार्च, 2017 को समाप्त होने वाली तिमाही तक नीतिगत ब्याज दरों में आधा फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।
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