SBI चेयरमैन ने कहा हमारे पास कोष है, लेकिन ऋण की मांग नहीं है। ऐसे में बैंकों के पास अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के फैसलों की घोषणा के बाद पॉवेल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह वाकई में अच्छी खबर है, यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छा फैसला है।
ईपीएफओ ने कुल 18 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से 85 प्रतिशत डेट मार्केट में और 15 प्रतिशत एक्चेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के जरिये इक्विटीज में लगा है।
एक साल के एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट), जिससे सभी रिटेल लोन की ब्याज दर लिंक्ड हैं, को पहले के 8.25 प्रतिशत से घटाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है।
भारतीय ऑटो उद्योग इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस साल जुलाई में ऑटो बिक्री अपने 20 साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करेगी।
भारतीय स्टेट बैंक ने 30 लाख रुपए तक के होम लोन की ब्याज दर में 10 आधार अंकों की कटौती की है।
रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो) अभी 6.50 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा कर 6.50 प्रतिशत की थी।
आरबीआई ने अभी मौद्रिक नीति के बारे में नाप-तोल कर सख्ती करने का रुख अपना रखा है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पांच करोड़ अंशधारकों के खातों में 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा कराने को कहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जून में होने वाली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को यथावत रखते हुए उसमें कोई भी बदलाव नहीं करेगा। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नए वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी।
सरकार ने विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.2 प्रतिशत कटौती करने की घोषणा की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक ने चुनिंदा परिक्वता अवधि वाले ऋण पर कोष की सीमांत लागत आधारित दर (एमसीएलआर) 0.05 प्रतिशत तक कम कर दी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सब्सक्राइबर्स को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अपनी जमा राशि पर पिछले साल की तुलना में कम ब्याज मिल सकता है।
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