आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होने के बाद IOB FD rates में बदलाव देखने को मिले हैं। 7 दिन से 3 महीने की एफडी पर ब्याज की दरें कम की गई है। 3 महीने से अधिक की एफडी पर ब्याज की दरें बढ़ाई गई है। IOB FD में निवेश कर 8% की ब्याज दर से रिटर्न ले सकते हैं।
हम निवेश करने के बेहतर मौके तलाशते रहते हैं, वहीं अगर आप FD यानी Fixed Deposit में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको इन बातों के बारे में अवश्य जान लेना चाहिये, जिससे आप आगे बेहतर रिटर्न पा सकें।
पैसों से पैसा बनाने के लिए लोग इसे अलग-अलग जगह निवेश करते हैं। सिंपल इंटरेस्ट रेट यानी साधारण ब्याज दर के जरिए जल्दी करोड़पति बन पाना बहुत मुश्किल है। फाइनेंशियल टर्म कंपाउंडिंग इंटरेस्ट को जानने के बाद कम समय में बहुत जल्दी करोड़पति बन सकते हैं। अधिकतर लोग इसी फार्मूले का इस्तेमाल कर अमीर बनते हैं।
HDFC ने 7 दिन से लेकर 10 साल के बीच की FD पर ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। ऐसे में आइए जानते हैं कि HDFC की तुलना में SBI, एक्सिस और पीएनबी बैंक में से कौन बेहतर इंटरेस्ट रेट प्रोवाइड कर रहे हैं।
RBI ने जब से रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। सभी बैंक इंटरेस्ट रेट में बदलाव कर रहे हैं, लेकिन सीनियर सिटीजन के लिए कई बैंक कम इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं। आइए जानते हैं।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी हाल ही में इम्यून इंडिया डिपोजिट स्कीम की शुरुआत की है, जिसके तहत टीका लगवाने वाले उपभोक्ताओं को लागू कार्ड रेट पर अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की जा रही है।
सामान्य तौर पर बैंक क्रेडिट कार्ड पर प्रत्येक कैश निकासी के लिए 250 से 450 रुपये का शुल्क वसूलते हैं और इसके साथ ही 2.5 से 3.5 प्रतिशत मासिक ब्याज भी लेते हैं।
SBI चेयरमैन ने कहा हमारे पास कोष है, लेकिन ऋण की मांग नहीं है। ऐसे में बैंकों के पास अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारियों से एक से दो लाख करोड़ रुपए की योजना बनाने को कहा है।
लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के फैसलों की घोषणा के बाद पॉवेल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह वाकई में अच्छी खबर है, यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छा फैसला है।
ईपीएफओ ने कुल 18 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से 85 प्रतिशत डेट मार्केट में और 15 प्रतिशत एक्चेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के जरिये इक्विटीज में लगा है।
वर्तमान में लगभग 12 लाख करोड़ रुपए लघु बचत योजनाओं में और करीब 114 लाख करोड़ रुपए बैंक जमा के रूप में हैं। बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपए से प्रभावित हो रही है।
एक साल के एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट), जिससे सभी रिटेल लोन की ब्याज दर लिंक्ड हैं, को पहले के 8.25 प्रतिशत से घटाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है।
भारतीय ऑटो उद्योग इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस साल जुलाई में ऑटो बिक्री अपने 20 साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करेगी।
भारतीय स्टेट बैंक ने 30 लाख रुपए तक के होम लोन की ब्याज दर में 10 आधार अंकों की कटौती की है।
पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज की दर 8.7 प्रतिशत ही रहेगी। वरिष्ठ नागरिक योजना पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है। बचज जमाओं पर ब्याज दर 4 प्रतिशत वार्षिक रहेगी।
रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो) अभी 6.50 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा कर 6.50 प्रतिशत की थी।
आरबीआई ने अभी मौद्रिक नीति के बारे में नाप-तोल कर सख्ती करने का रुख अपना रखा है।
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