पिछले सप्ताह 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ प्रारंभिक समझौते के बाद यह कदम उठाया गया है।
इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है, जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है।
इस नए नियम के लागू होने के बाद जहां एक ओर रिटेल लोन सस्ते होंगे, वहीं सेविंग एकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में कमी आएगी।
2017-18 में ईपीएफ पर ब्याज की दर 8.55 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2016-17 में ब्याज दर को घटाकर 8.65 प्रतिशत किया था जो कि 2015-16 में 8.8 प्रतिशत थी।
यह ब्याज दर लोक भविष्य निध (पीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज के बराबर है।
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति पर तटस्थ रुख बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.20 प्रतिशत की दर से जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है।
पीएनबी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि यह कटौती एक मार्च 2019 से प्रभावी होगी। एक साल के कर्ज पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से कम कर 8.45 प्रतिशत कर दी गई है।
गुरुवार को ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लिया गया। वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने 8.55 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया था।
हालांकि सूत्र ने इस अटकल को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।
बैंक ने अपने एक बयान में कहा है कि 30 लाख रुपए तक के सभी होम लोन पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की कटौती होगी।
आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
आरबीआई ने पर्सनल, होम, ऑटो औरएमएसई लोन पर फ्लोटिंग ब्याज दरों को बाहरी बेंचमार्क जैसे रेपो रेट या ट्रेजरी यील्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया है।
बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान GDP ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर 2.7-3.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जारी किया है
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक, बैंक आफ बड़ौदा ने अपनी कर्ज की विभिन्न अवधि की ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत तक वृद्धि की है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है
सरकार ने अक्तूबर से दिसंबर तिमाही के लिए सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दर को बढ़ा दिया है
वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि रिजर्व बैंक को रुपये की गिरावट थामने के लिए ब्याज दर बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
HDFC बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 6 अगस्त यानि आज से दरों में हुआ बदलाव लागू हो गया है
RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है, इस बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गया है।
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