मई में महंगाई दर के पांच माह के निचले स्तर 2.17 फीसदी के स्तर पर आ जाने के चलते भारतीय उद्योग जगत ने RBI से ब्याज दरों में कटौती की मांग की है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.17% पर आ गई। मुख्यतौर पर सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है।
निजी क्षेत्र के बैंक DCB बैंक ने जून के लिए अपनी कोष की सीमांत लागत पर आधारित रिण ब्याज दर MCLR में 0.15 से 0.53 फीसदी तक की कटौती की है।
RBI बुधवार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती करने का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महंगाई घटने से ब्याज दरें कम हो सकती है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के लिए यह उपयुक्त समय है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, मुझे उम्मीद है कि ब्याज दर में और कटौती होगी। हमें ऋण चक्र में फिर से तेजी आने के संकेत दिखने लगे हैं।
ऊंचे डूबे कर्ज और कंपनियों की कमजोर मांग से बीते वित्त वर्ष 2016-17 में ऋण की वृद्धि दर (क्रेडिट ग्रोथ) छह दशक के निचले स्तर 5.08 प्रतिशत पर आ गई।
भारत के 12 प्रमुख बंदरगाह व कुछ पोत इकाइयां अमेरिकी डॉलर में 50,000 करोड़ रुपए तक का ऋण बहुत ही मामूली ब्याज दर पर जुटा सकती हैं।
रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2017-18 की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि सेंट्रल बैंक ने रिवर्स रेपो को बढ़ा दिया है।
महंगाई बढ़ने, वैश्विक गतिविधियों को देखते हुए RBI गुरूवार को 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (ब्याज) में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को छोटी बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ समेत स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट्स की ब्याज दर 0.1 फीसदी घटा दी है। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।
अगर आप टैक्स बचाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस के किसी एंडोमेंट या मनी बैक प्लान में निवेश करने की सोच रहे हैं तो उसकी जगह Tax Saving Bank FD का चयन करें।
नोटबंदी के बाद बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ (उधारी कारोबार) में ऐतिहासिक गिरावट आई है। बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ गिरकर ऐतिहासिक निचले स्तर 5.1% पर आ गई है।
मोदी सरकार ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 44 करोड लोगों को घर के साथ-साथ LPG, बिजली और पानी के कनेक्शन भी उपलब्ध होंगे। इसके लिए सरकार 1.5 लाख रुपए देगी
सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और किसान विकास पत्र जैसी अन्य लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर जनवरी-मार्च तिमाही के लिए अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।
माना जा रहा है कि नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए समिति अध्यक्ष और RBI गवर्नर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कटौती कर सकती है।
ICICI बैंक ने शुक्रवार को ब्याज दर 0.1 फीसदी कम करने की घोषणा की है। वहीं, SBI ने ब्याज दरों में 0.15 फीसदी तक घटा दी है।
सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि में हल्की नरमी आई। PMI सितंबर में घटकर 52.1 पर आ गया जो अगस्त में 52.6 था।
PNB ने ब्याज दरों में आधा फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी कर दी है। एक अक्टूबर से ब्याज दरें 9.05 फीसदी से बढ़कर 9.60 फीसदी हो गई है।
RBI के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि ब्याज दरें घटाने के लिए केंद्रीय बैंक पर सरकार का दबाव पड़ता था, लेकिन वह कभी इसके दबाव में नहीं आए।
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