श्रम मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश पहले ही ईपीएफओ को भेज दिया था और निकाय ने पिछले वित्त वर्ष के लिए खाताधारकों के खातों में ब्याज जमा करना शुरू कर दिया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को ईपीएफ के लिए ब्याज दर की अधिसूचना जारी करने के लिए औपचारिक मंजूरी दे दी है।
श्रम मंत्रालय ने अब वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देय ब्याज की रकम को 8.5 प्रतिशत की दर से एकबार में ही ईपीएफ खाते में डालने का सुझाव दिया है।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
आज हम यहां सरकार की नौ लघु बचत योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें निवेश से आप गारंटीड रिटर्न हासिल कर सकते हैं।
रेपो रेट 4 प्रतिशत है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) की दर 4.25 प्रतिशत है। इसके अलावै CRR 3 प्रतिशत और SLR की दर 18 प्रतिशत है।
ईवा बचत खाता सभी तरह की महिलाओं- वेतनभोगी, गृहिणी, वरिष्ठ नागरकि, ट्रांसवूमन- के लिए है। एनआरआई महिलाएं भी यह खाता खोल सकती हैं और इस खाते पर कोई भी मेंटेनेंस फीस नहीं ली जाएगी।
बचत खाते में 7 प्रतिशत ब्याज के साथ, खाताधारकों को मुफ्त स्वास्थ्य जांच व टेली-परामर्श की भी सुविधा दी जा रही है।’ इसके अलावा खाताधारकों को पीएफ छूट और महिला ग्राहकों के लिये गोल्ड लोन की दरों में छूट भी मिल रही है।
फेस्टिव सीजन की शुरुआत से ही कर्ज मांग में तेजी लाने के लिए बैंक दरों में कटौती ऑफर कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक सस्ते कर्ज का ऑफर कर चुके हैं। इसके साथ ही बैंक प्रोसेसिंग फीस में छूट से लेकर महिलाओं के लिए विशेष ऑफर भी ला रहे हैं।
बजाज फाइनेंस एफडी को क्रिसिल द्वारा एफएएए और आईसीआरए द्वारा एमएएए उच्च स्थिर रेटिंग प्रदान की गई है।
देशभर में SBI के 43 करोड़ से ज्यादा खाते हैं और बैंक अपने ग्राहकों को होमलोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन, गोल्ड लोन और एजुकेशन लोन जैसी तमाम तरह की सुविधाएं देता है। ऐसे में जानना जरूरी है कि अलग-अलग लोन पर SBI कितना ब्याज लेता है
सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत से ही PPF, NSC, SCSS, KVP तथा सुकन्या समृद्धि योजना सहित तमाम लघु बचत योजनाओं पर दिए जाने वाले ब्याज की दर में भारी कटौती की है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बुधवार को 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों को 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दो किस्तों में करने को भी अपनी मंजूरी दी है।
शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान इस साल दिसंबर तक अंशधारकों के ईपीएफ खातों में किया जाएगा।
ईपीएफओ ने इससे पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किये गये अपने कोष को बाजार में बेचने की योजना बनाई थी। ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिये यह निर्णय लिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।
कोरोना संकट के बीच बैंक लगातार जमा पर ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं, इससे बचत खातों पर मिलने वाला रिटर्न भी कम हो गया है। हालांकि कुछ बैंक अभी भी खास स्थितियों में बचत खातों पर 7 फीसदी तक ब्याज का ऑफर कर रहे हैं। वहीं ग्राहकों को आकर्षिक करने के लिए बचत खाता खोलने पर कई अन्य ऑफर भी दिए जा रहे हैं।
बैंक फिलहाल पर्सनल लोने के लिए 9.6 फीसदी से लेकर 22 फीसदी तक दरें ऑफर कर रहे हैं
प्रमुख ब्याज दरें 0 से 0.25 फीसदी के दायरे के बीच अपरिवर्तित
एक लाख रुपए तक की जमा पर बैंक ने ब्याज दर को 3.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। बैंक के पास करीब छह लाख बचत खाते हैं।
नकदी का प्रवाह बढ़ने और कर्ज की मांग घटने के बाद फैसला
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