मार्च में खत्म होने वाले वित्तवर्ष 2017-18 में भारत की GDP ग्रोथ 7.3 फीसदी रह सकती है। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने 7.2 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया है
महंगाई दर के न्यूनतम स्तर पर आने तथा औद्योगिक वृद्धि के 2% से नीचे जाने के कारण RBI पर मौद्रिक नीति में बदलाव लाने और नीतिगत दर में कटौती का दबाव बढ़ा है।
ग्राहकों की मांग कमजोर रहने और GST से जुड़ी चिंताओं के चलते जून माह में विनिर्माण क्षेत्र की ग्रोथ (मैन्युफैक्चरिंग PMI) चार माह के न्यूनतम स्तर तक गिर गई
मई में महंगाई दर के पांच माह के निचले स्तर 2.17 फीसदी के स्तर पर आ जाने के चलते भारतीय उद्योग जगत ने RBI से ब्याज दरों में कटौती की मांग की है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.17% पर आ गई। मुख्यतौर पर सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है।
निजी क्षेत्र के बैंक DCB बैंक ने जून के लिए अपनी कोष की सीमांत लागत पर आधारित रिण ब्याज दर MCLR में 0.15 से 0.53 फीसदी तक की कटौती की है।
RBI बुधवार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती करने का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महंगाई घटने से ब्याज दरें कम हो सकती है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के लिए यह उपयुक्त समय है।
अगर आपके पास अब तक कार नहीं है तो कोई बात नहीं, आप भी इसकी खरीदारी कर सकते हैं। आज की तारीख में विभिन्न बैंकों के कार लोन के विकल्प हैं।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, मुझे उम्मीद है कि ब्याज दर में और कटौती होगी। हमें ऋण चक्र में फिर से तेजी आने के संकेत दिखने लगे हैं।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुवार को बताया कि वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए EPF पर 8.65% ब्याज दर को अंतिम मंजूरी दे दी है।
ऊंचे डूबे कर्ज और कंपनियों की कमजोर मांग से बीते वित्त वर्ष 2016-17 में ऋण की वृद्धि दर (क्रेडिट ग्रोथ) छह दशक के निचले स्तर 5.08 प्रतिशत पर आ गई।
भारत के 12 प्रमुख बंदरगाह व कुछ पोत इकाइयां अमेरिकी डॉलर में 50,000 करोड़ रुपए तक का ऋण बहुत ही मामूली ब्याज दर पर जुटा सकती हैं।
रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2017-18 की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि सेंट्रल बैंक ने रिवर्स रेपो को बढ़ा दिया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के IDBI बैंक ने 31 दिन से दो साल की परिपक्वता अवधि की खुदरा मियादी जमाओं पर ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की कटौती की है।
महंगाई बढ़ने, वैश्विक गतिविधियों को देखते हुए RBI गुरूवार को 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (ब्याज) में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को छोटी बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ समेत स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट्स की ब्याज दर 0.1 फीसदी घटा दी है। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि नए नोटों को तेजी से चलन में आने और उपभोक्ताओं की मांग के फिर जोर पकड़ने से चालू वित्त वर्ष में आगे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
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