जानकारों का कहना है कि फेडरल रिजर्व आखिरकार इस साल फिर से दरों में कटौती कब और कितना करेगा, यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आर्थिक योजनाओं पर निर्भर करता है।
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य और खाद्य मुद्रास्फीति में भी फरवरी में भारी गिरावट देखी गई, जो एक महीने पहले 4. 59 प्रतिशत से घटकर 3. 79 प्रतिशत हो गई।
ईपीएफओ ने मार्च 2022 में अपने सात करोड़ से ज्यादा मेंबर्स के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज को 4 दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ला दिया था, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर थी।
रिजर्व बैंक ने करीब 5 साल बाद रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव किया है। रेपो रेट में हुई इस 0.25 प्रतिशत की कटौती से होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन सस्ते हो जाएंगे और लोगों को ईएमआई में राहत मिलेगी।
एक्सपर्ट का कहना है कि यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरबीआई वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए कोई पूर्वानुमान जारी करेगा, हालांकि आमतौर पर इसे अप्रैल की नीति में प्रकाशित किया जाता है।
फेड रिजर्व ने कहा कि जॉब मार्केट मजबूत है। बेरोजगारी दर हाल के महीने में निचले स्तर पर स्थिर हो गई है। फिर भी पिछले महीने भर्ती में तेजी आई और बेरोजगारी दर थोड़ी कम होकर 4.1% पर आ गई।
सीआईआई के अध्यक्ष ने कहा कि सार्वजनिक व्यय बढ़ रहा है और खपत में भी तेजी आनी चाहिए, उन्होंने बताया कि सीआईआई को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय की एक नोटिफिकेशन में कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8. 2 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर दर चालू तिमाही में प्रचलित 7. 1 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए आरबीआई के लिए अगले 13-14 महीनों तक ब्याज दरों में कटौती करना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई।
एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए दरों में कटौती करता है, तो भी इसकी प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की गिरावट ग्रोथ प्रक्रिया में मदद करने के लिए निर्णायक कदम नहीं होगा। उनका कहना है कि जब आप दरों में कटौती करने के लिए कदम उठाते हैं, तो यह निर्णायक होना चाहिए।
आरबीआई पेपर में यह स्पष्ट किया गया है कि पेपर केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, मौद्रिक नीति संचरण पर अध्ययन में पाया गया कि मौद्रिक नीति परिवर्तन दीर्घकालिक दरों की तुलना में अल्पकालिक ब्याज दरों को अधिक प्रभावित करते हैं।
आईसीआरए लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि एमपीसी समीक्षा ने रुख में बदलाव करके लचीलेपन को प्राथमिकता दी है। इससे दिसंबर 2024 में संभावित दर कटौती का रास्ता खुल गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7 से 9 अक्टूबर को होने वाली अगली मीटिंग रेपो रेट पर फैसला करेगी। अगस्त में खुदरा महंगाई 0.11 प्रतिशत बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 3.54 प्रतिशत थी।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर में गुरुवार को 0.25 प्रतिशत की कटौती की। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 17-18 सिंतबर को होने वाली अपनी बैठक में प्रमुख ब्याज दर पर फैसला लेगा।
बैंक वित्त वर्ष 2025 में 14-16 प्रतिशत की ऋण वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहा है, और अपनी देनदारियों के उच्च आधार को देखते हुए 8-10 प्रतिशत की जमा वृद्धि के साथ इसे आसानी से बनाए रख सकता है।
देश के तमाम स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर रेगुलर कमर्शियल बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं। यहां हमने 6 अलग-अलग स्मॉल फाइनेंस बैंकों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर दिए जा रहे सबसे ज्यादा ब्याज वाले प्लान की जानकारी निकाली हैं।
अगर आपके खाते में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं तो आपको सालाना 3.00 प्रतिशत का ब्याज दिया जाएगा। बताते चलें कि 15 अक्टूबर, 2022 से पहले एसबीआई सभी बचत खातों पर 2.70 प्रतिशत का ही ब्याज दे रहा था, चाहे आपके बैंक खाते में चाहें जितने पैसे हों।
ताजा बढ़ोतरी के बाद भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों से 3 साल के लिए 9.10 प्रतिशत और दो साल के लिए 9.05 प्रतिशत ब्याज वसूलेगा। इसके अलावा एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए ब्याज दरें 8.45 से लेकर 8.85 प्रतिशत तक की रेंज में रहेगा।
केनरा बैंक के मुताबिक, तीन वर्षीय एमसीएलआर 5 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 9.40 प्रतिशत होगी, जबकि दो वर्षीय एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत होगी।
समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान चार प्रतिशत सालाना की दर से अल्पकालिक फसल लोन लोन मिलेगा।
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