अपने परिवार को एक सुरक्षित भविष्य देना चाहते हैं तो डिजिटल पेमेंट कंपनी फोन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के साथ मिलकर टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान लेकर आई है।
इन खास किफायती बीमा योजनाओं में खास जरूरतों पर आधारित बीमा की पेशकश की जाती है, जिनमें प्रीमियम और बीमा कवर दोनों ही कम होते हैं। कंपनी के मुताबिक व्हाट्सऐप भारत के छोटे व्यवसायों के और अधिक डिजिटलीकरण में मदद करना चाहता है, ताकि उपभोक्ताओं के लिए अपने पसंदीदा व्यवसायों से जुड़ना और उन्हें खरीदना आसान हो सके।
देशभर में बीमित क्षेत्र अभी तक महज 30 फीसदी है जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। सबसे ज्यादा फसल बीमित करने वाला राज्य कर्नाटक है जहां के किसानों की 40 से 50 फसलें बीमित होती हैं।
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को अपनी शाखाओं को सुसंगत करने तथा ऐसे खर्चों में कटौती करने को कहा है, जिनसे बचा जा सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के इस साल मार्च के एक फैसले को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की। एक बीमा कंपनी ने मृतक की माता को ब्याज के साथ दावे की पूरी राशि का भुगतान करने के आदेश के खिलाफ आयोग में याचिका दायर की थी, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया था। बीमा कंपनी के मुताबिक बीमा लेते वक्त पुरानी बीमारी की जानकारी नहीं दी गई थी।
पॉलिसी शुद्ध रूप से एक सावधि जीवन बीमा योजना होगी। जिसे 18 से 65 वर्ष की उम्र का कोई भी व्यक्ति ले सकेगा और इसकी अवधि चार से 40 साल तक होगी। दिशानिर्दशों के मुताबिक इस बीमा योजना के तहत व्यक्ति पांच लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक का बीमा करा सकता है। यह 50,000 रुपये के गुणकों में होगा।
प्रमुख वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) त्योहारी सीजन में ग्राहकों के लिए मुफ्त कोरोना वायरस बीमा योजना लेकर आई है। ये ऑफर 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक ही वैलिड है।
धूम्रपान के सेहत पर गंभीर असर को देखते हुए हाई रिस्क जॉब प्रोफाइल के मुकाबले इंश्योरेंस कंपनियां स्मोकिंग को ज्यादा गंभीरता से लेती हैं। इसी वजह से स्मोकिंग करने वालों को प्रीमियम पर ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है।
जिन लोगों की आय कम है, उनके लिए LIC की माइक्रो इंश्योरेंस प्लान (Micro Insurance Plan) काफी फायदेमंद है। यह सुरक्षा और बचत का एक अच्छा मिश्रण है।
वीडियो आधारित पहचान प्रक्रिया के जरिये खोले जाने वाले सभी खातों या अन्य सेवाओं को बीमा कंपनी को समुचित सत्यापन के बाद ही शुरू करना होगा। सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी
कोरोना की वैक्सीन आने में लगने वाले समय को देखते हुए बीमा पॉलिसी की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। महामारी को देखते हुए कोरोना कवच नाम से 10 जुलाई को बीमा उत्पाद पेश किश गया था। पॉलिसी की मियाद साढ़े तीन महीने से लेकर साढ़े नौ महीने तक के लिये है। इसमें 5 लाख रुपये तक का बीमा लिया जा सकता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बुधवार को 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों को 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दो किस्तों में करने को भी अपनी मंजूरी दी है।
नियामक ने बीमा कंपनियों से इन फीचर्स से बीमा की कीमत पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर उसे आवेदन के समय ग्राहक के समक्ष स्पष्ट रूप से उल्लेख करने के लिए कहा है।
पॉलिसी जारी होने के दिन से यह किसी भी दुर्घटना के कारण लगी चोट/ऑपरेशन के उपचार या मृत्यु को कवर करेगी। इसके लिए उपभोक्ता को कोई प्रतीक्षा भी नहीं करनी होगी और दावे का त्वरित निपटान किया जाएगा।
पूरे भारत में हर पांचवें व्यक्ति के पास होम इंश्योरेंस है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में 35 प्रतिशत लोगों के पास होम इंश्योरेंस है।
यह प्रसूति खर्च उन क्षेत्रों में महिलाओं को दिया जाता है, जहां ईएसआईसी के तहत आने वाले अनिवार्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
बीमा राशि 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक और अवधि साढ़े 9 महीने तक होगी
443 रुपये से लेकर 1564 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम पर मिलेगा कवर का विकल्प
कोरोना कवच बीमा नाम से पॉलिसी को पूरे देश में एक समान प्रीमियम पर पेश करने का निर्देश
इंश्योरेंस कवर के लिए कर्मचारी को नहीं देनी होती है अलग से कोई भी राशि
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