क्लेम रिजेक्ट होने पर आपके पास उपभोक्ता अदालत सहित कई प्लेटफॉर्म हैं जहां आप अपने सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
भारत में मौजूदा समय में 26 जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं, जिनमें से छह का स्वामित्व केंद्र सरकार के पास है।
भारत में जितनी तेजी से इंश्योरेंस सेक्टर का प्राइवेटाइजेशन हो रहा है, उतनी तेजी से मिस सेलिंग यानि कि गलत इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
इंश्योरेंस एक्सपर्ट का कहना है कि कॉम्बो पॉलिसी पेश करने पर बीमा कंपनियों का खर्च कम होगा। इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी मैनेज में आने वाली लागत में कमी आएगी।
Disaster Insurance Claim: अगर आपकी गाड़ी किसी आपदा का शिकार हो जाती है और उसमें नुकसान हो जाता है तो आप उसे क्लेम कर नुकसान राशि को कंपनी से वसूल सकते हैं।
layoff Period: अप्रेजल का महीना चल रहा है। कुछ कंपनियों में अप्रेजल का मेल आ गया होगा तो कहीं अभी आना बाकी है। इस बीच कई लोगों की नौकरी भी जा रही है। उनके लिए यह खबर संजीवनी की तरह है।
Right Investment Tips: कई लोगों को निवेश की जल्दी होती है, तो कुछ सिर्फ बेहतर भविष्य के लिए निवेश करने की फिराक में होते हैं। इसी के चक्कर में एजेंट गलत सलाह के साथ पैसा और समय दोनों बर्बाद कर देते। आइए सही निवेश का कारगर तरीका जानते हैं।
इंश्योरेंस स्कोर की व्यवस्था आने से बीमा प्रीमियम की व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। जिसका इंश्योरेंस स्कोर ज्यादा है, उसे कम प्रीमियम पर बीमा मिल सकेगा।
सरकार ने पिछले साल तीनों साधारण बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस लि. , ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. तथा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी थी।
आर्थिक रूप से मजबूत रहने के लिए मैटरनिटी इंश्योरेंस का लाभ उठाया जा सकता है। इसलिए यहां जानिए मैटरनिटी इंश्योरेंस के बारे में।
आमतौर पर हम सब हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बारे में सोचते हैं, लेकिन इससे जुड़ी बातों न जानने पर हम इसे लेने पर हाथ खींच लेते हैं। इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा के इस युग में सही हेल्थ इंश्योरेंस का चुनाव करना भी जरूरी है, जिससे आगे आप परेशानी में न आये।
जो लोग पुराने समय से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले चुके हैं उन्हें समय रहते इसे स्विच करने की जरूरत है। लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को स्विच करते समय पोर्ट और माइग्रेशन को नहीं करें नजरअंदाज। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को कब और क्यों करें स्विच। यहां जानिए इन दोनों के फायदे और नुकसान।
Insurance Premium: इंश्योरेंस खरीदने की सोच रहे ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। इंश्योरेंस रेगुलरेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Irdai) ने बीमा कंपनियों को एक नया निर्देश जारी किया है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
बैंक में अकाउंट खुलवाने के बाद लोग एटीएम कार्ड लेते हैं। इसके जरिए कैश रकम पर लोगों की निर्भरता कम हुई है। यूजर्स भी इसे अपने अनुसार कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बैंक एटीएम कार्ड से पैसे निकालने के अलावा भी कई सुविधाएं मिलती है इनमें फ्री इंश्योरेंस शामिल हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय अधिकतर लोग नियम और शर्तें पढ़ना भूल जाते हैं। अगर आप भी अपने परिवार में किसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वाले हैं तो इसमें सब लिमिट को चेक करना ना भूलें। यहां जानिए हेल्थ इंश्योरेंस में सब लिमिट क्या होता है और इसे चेक करना क्यों है जरूरी।
कोविड के बाद से हेल्थ के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है और ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लोगों के लिए अत्यधिक मददगार हैं। इसलिए आज हम आपके साथ विशेष रूप से मेटरनिटी प्लान इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहें हैं।
जिस तरह से लोग अपने लिए और व्हीकल के लिए इंश्योरेंस करवाते हैं। इसी तरह घर के लिए भी आप होम इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। हमारे देश में 5 तरह के होम इंश्योरेंस होते हैं। अगर आप इसे खरीदने जा रहे हैं तो इंश्योरेंस पॉलिसी में इन 5 चीजों की जांच करना ना भूलें।
ओन डैमेज कार इंश्योरेंस एक ऐसी कस्टमाइज्ड मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी है, जिसमें आपको और आपके इंश्योर्ड वाहन की टूट-फूट और नुकसान की भरपाई के लिए डिजाइन किया गया है।
अगर पॉलिसी होल्डर के पास एक से ज्यादा पॉलिसी हैं तो सभी इंश्योरर पॉलिसी के तहत क्लेम को समान रूप से साझा कर सकते हैं।
टर्म प्लान में किसी एक इंसान को कवर मिलता है, लेकिन ज्वॉइंट पॉलिसी में दोनों लोगों के कवर की सुविधा होती है। आइए आज आपको ज्वॉइंट पॉलिसी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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