पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से लोन लेने से बेहतर है कि आप अपनी लाइफ इंश्योरेंस पर लोन ले लें। हालांकि, पॉलिसी के विरुद्ध लोन लेने से पहले, यहां कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
आधार को इंश्योरेंस पॉलिसीज के साथ लिंक करने के लिए पॉलिसी धारक आधार नंबर को टेक्स्ट मैसेज के जरिए या ऑनलाइन या ब्रांच में जाकर आधार लिंक करवा सकते हैं।
इरडा ने अपने बयान में कहा है कि मनी लांड्रिंग रोधक (रिकॉर्ड का रखरखाव) दूसरा संशोधन नियम, 2017 के तहत आधार नंबर को बीमा पॉलिसियों से जोड़ना अनिवार्य है।
बैंक ग्राहक को कर्ज के साथ दी जाने वाली बीमा पॉलिसी को बंद करने से पहले संबंधित ग्राहकों को इसकी सूचना देने के लिए बाध्य हैं।
IRDAI ने अपनी शिकायत निपटान व्यवस्था को और बेहतर बनाने का का प्रस्ताव किया है, जिससे शिकायतों का तेजी से निपटारा किया जा सके।
Womens Day Special: कई बीमा कंपनियों ने महिलाओं की जरूरतों के मुताबिक प्रोडक्ट लांच किए हैं। ये विशेष रूप से महिलाओं की बीमारियों को कवर करती हैं।
पहली अक्टूबर 2016 से ज्यादातर नई इंश्योरेंस पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी की जाएंगी, इसलिए अब जरूरी होगा ई-इंश्योरेंस अकाउंट रखना।
आज के समय में अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियां अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन उपलब्ध कराती है। एजेंट्स से ली गई इंश्योरेंस की तुलना में ऑनलाइन पॉलिसी सस्ती होती हैं।
The burgeoning cost of medical treatment has forced people to go for multiple health insurance policies. This secures them from any unforeseen happening
देश में जिस तेजी से इंश्योरेंस सेक्टर विस्तार कर रहा है, उतनी तेजी से मिस सेलिंग यानि कि गलत इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
महंगे हेल्थ खर्च से सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस सबसे सुरक्षित और आसान उपाए है। यह इलाज पर हुए खर्च से राहत देने के साथ टैक्स बेनिफिट भी देता है।
बीमा धारक पॉलिसी की मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाल सकेंगे और इसके लिए कंपनियां कोई पेनाल्टी भी नहीं लगाएगी। इराडा नया नियम बनाने जा रहा है।
इंडिया टीवी पैसाबताने जा रहा है कि सरकार ने किन सेक्शंस में टैक्स छूट की सीमाओं में बढ़ोत्तरी कर दी है। इससे टैक्स कैल्कुलेट करने में आसानी होगी।
देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शुद्ध लाभ 2014-15 में 10.4 फीसदी बढ़कर 36,087 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
इंश्योरेंस करवाने से भी जरूरी है उसके कागजात को संभाल के रखना। अक्सर हम कागज गुम कर देते हैं, जिससे वास्तव में जरूरत के समय मुश्किल झेलनी पड़ती है।
इंश्योरेंस एजेंट या एडवाइजर अधिक कमीशन के चलते कई बार आपको ऐसी पॉलिसी थमा देते हैं, जिसकी वास्तव में आपको जरूरत ही नहीं होती।
अधिकांश लोग कंपनियों के निर्देशों पर न तो गौर फरमाते हैं और न ही उन्हें गंभीरता से लेते हैं। इस वजह से कई बार आपको मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी का पूरा लाभ नहीं मिलता।
किसी इंश्योरेंस पॉलिसी में दिए जा रहे रिस्क कवर के अलावा अतिरिक्त लाभ देने के लिए बीमा कंपनियों की ओर से राइडर्स की पेशकश की जाती है।
सरकार पेंशन प्रॉडक्ट पड़ौस की किराना दुकान और देश के 1.5 लाख पोस्ट ऑफिसेज के माध्यम से बेचने की तैयारी कर रही है।
नैचुरल डिजास्टर से मुकाबले के लिए बाजार में कई इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं। जिनसे आप प्राकृतिक और मानवीय अापदा से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
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