आईआरडीएआई के अध्यक्ष डेबिस पांडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को निश्चित रूप से कम लागत वाले डिस्ट्रीब्यूशन सॉल्यूशन की जरूरत होती है जैसे कि बैंकों द्वारा ऑफर किया जाता है। इसका असर देश भर में बड़े पैमाने होता है।
साल 2025 में सॉफ्टवेयर और बिजनेस सर्विस सेक्टर में सैलरी हाइक 9 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है जो सामान्य इंडस्ट्री एवरेज 9.5 प्रतिशत से कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कॉरपोरेट जगत 9.5 प्रतिशत की सैलरी हाइक के साथ पूरे सेक्टर में सबसे आगे है।
यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस होना ही जरूरी नहीं है। यहां मायने ये रखता है कि आपका लाइफ इंश्योरेंस कितना कवर देता है। यहां हम ये जानेंगे कि क्या आपके परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये का लाइफ इंश्योरेंस काफी है?
केरल के वायनाड में आए भूस्खलन और भारी बारिश की वजह से मरने वालों की संख्या 350 के पार पहुंच चुकी है। वित्त मंत्रालय ने पीड़ितों की मदद के लिए सभी इंश्योरेंस कंपनियों से जल्द से जल्द क्लेम सैटलमेंट के निर्देश दिए हैं।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने यह फैसला बीमा नियामक आईआरडीएआई के इस संबंध में 28 मार्च 2024 को जारी निर्देश के मुताबिक लिया है।
layoff Period: अप्रेजल का महीना चल रहा है। कुछ कंपनियों में अप्रेजल का मेल आ गया होगा तो कहीं अभी आना बाकी है। इस बीच कई लोगों की नौकरी भी जा रही है। उनके लिए यह खबर संजीवनी की तरह है।
सरकार ने पिछले साल तीनों साधारण बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस लि. , ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. तथा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी थी।
Insurance Premium: इंश्योरेंस खरीदने की सोच रहे ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। इंश्योरेंस रेगुलरेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Irdai) ने बीमा कंपनियों को एक नया निर्देश जारी किया है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
आईआरडीए ने लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स के मोटर बीमा की शुरुआत की है। लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स पर अच्छी छूट मिल जाती है। हालांकि आप लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स में बंध जाते हैं। इसके कई फायदे हैं और नुकसान भी है आइए जानते हैं।
Health Insurance की मांग बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह है कि कोई गंभीर बीमारी होने पर हमारी वित्तीय प्लानिंग बिगड़ जाती है। आइए 5 प्वॉइंट में जानते हैं कि यह क्यों जरूरी है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कोविड-19 से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की प्रगति की समीक्षा की।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के साधारण बीमा बीमा संघ (जीआईपीएसए) के 21 फरवरी के परिपत्र पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके जरिए चार सरकारी बीमा कंपनियों के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मेडिक्लेम प्रीमियम को बढ़ाया गया है।
साधारण बीमा कंपनियों का प्रीमियम संग्रह दिसंबर महीने में 11.5 प्रतिशत बढ़कर 15,980.81 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
बीमा नियामक इरडा सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों विलय के साथ उन्हें एक से अधिक बीमा कंपनियों में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।
वैसे तो कुछ इंश्योरेंस कंपनियां शादी के लिए पहले से पैकेज तैयार करके रखती हैं, लेकिन कुछ कंपनियां आपकी जरूरत के मुताबिक भी पैकेज बनाती हैं। ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किस तरह का पैकेज लेना चाहते हैं।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बीते बजट के दौरान सरकार द्वारा घोषित की गई तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के विलय की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।
किसानों को समय पर राहत दिलाने और बीमा कंपनियों की मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए सरकार अपनी प्रमुख पीएमएफबीवाई में बदलाव कर सकती है।
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के एकीकरण के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है।
देश के क्रिकेट प्रशंसको के साथ-साथ बीमा कंपनियां भी बारिश के देवता इन्द्र से प्रार्थना कर रही हैं कि ब्रिटेन में चल रहे मौजूदा विश्व कप में भारत के शेष मुकाबले वर्षा की भेंट ना चढ़े क्योंकि इससे उन्हें 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में आगामी बजट में 4,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा सकती है। इन कंपनियों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार उनमें ये पूंजी डाल सकती है।
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