उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्तियों, गहनों, शेयर, मियादी जमा राशि, बैंक में जमा रकम (नकदी) पर आगामी बजट में कर लगाया जा सकता है।
पहले भी पुश्तैनी प्रॉपर्टी पर सरकार टैक्स वसूलती थी, 1953 से 1986 बीच में इस तरह की प्रॉपर्टी पर टैक्स वसूला गया था, लेकिन 1986 में इसे बंद कर दिया गया था
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