केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 448 परियोजनाओं की लागत 5.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गई है।
500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक्स एवं कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को एनपीजी मार्ग से आगे बढ़ाया जाता है। वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) या व्यय विभाग द्वारा परियोजना को मंजूरी देने से पहले एनपीजी की मंजूरी आवश्यक है।
देरी से चल रही 837 परियोजनाओं में से 202 में एक महीने से लेकर एक साल तक की विलंब बै जबकि 188 में 13-24 महीने की देरी है। वहीं 324 परियोजनाएं पांच साल तक की देरी से चल रही हैं जबकि 123 परियोजनाओं में पांच साल से भी अधिक विलंब हो चुका है।
Infra Industries: भारत आर्थिक मोर्चे पर विकास के लिए दुनिया के हर छोटे-बड़े देशों के साथ बिजनेस करने के लिए रणनीतिक साझेदारी कर रहा है। इसी बीच इंफ्रा इंडस्ट्रीज को बल देने के लिए ये समझौता किया गया है।
देरी से चल रही 871 प्रोजेक्ट्स में से 169 प्रोजेक्ट एक महीने से 12 महीने, 157 प्रोजेक्ट्स 13 से 24 महीने की, 414 प्रोजेक्ट्स 25 से 60 महीने की और 131 प्रोजेक्ट 61 महीने या अधिक की देरी से चल रही हैं।
भारत के फ्लेक्सी स्टाफिंग बाजार में काफी उल्लेखनीय वृद्धि देखनी को मिल रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI), ई-कॉमर्स, रिटेल और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में इस साल के अंत तक 10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
देश में अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के अपने प्रयासों के तहत मोदी कैबिनेट ने आज मेगा हाईवे प्लान को अपनी मंजूरी दे दी है।
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