Budget 2023: एक फरवरी को अनाउंस हुए बजट में कई चीजों पर बात की गई। उसमें स्क्रैपिंग पॉलिसी भी एक खास मुद्दा था। इसपर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वाहन स्क्रैपिंग नीति को आगे बढ़ाने में, केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की है।
Money Deducted in Budget 2023: कल जब देश की संसद में बजट पेश किया गया तब कुछ सेक्टर की राशि में भी कटौती की गई। उसमें विमान इंडस्ट्री भी शामिल है। बता दें, कल मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया था।
Budget 2023 EV Industry: सरकार इस समय ईवी इंडस्ट्री की ग्रोथ पर सबसे अधिक फोकस कर रही है। उसकी कोशिश 2030 तक देश की सड़कों पर ईवी वाहनों को पूरी तरह से दौड़ाने की है।
Diamond Made in Lab: अभी तक कई लोग सिर्फ यही जानते हैं कि हीरे का उत्पादन नहीं होता है। उसे हीरे की खान से निकाला जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मानव ने एक ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जो हीरों को लैब में तैयार कर देती है। इस बार के बजट में सरकार ने इस इंडस्ट्री को बढ़ाने पर जोर दिया है।
Infra Budget 2023: भारत सरकार कोरोना के चलते नुकसान में चल रहे रियल एस्टेट को बूस्ट करने की मुड में नजर आ रही है। यही वजह है कि बजट में इंफ्रा सेक्टर पर अधिक जोर दे रही है। निर्मला सीतारमण ने इस सेक्टर के लिए पिछले साल भी हजारों करोड़ रुपये दिए थे।
अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में इस प्रस्तावित बंदरगाह में प्रतिवर्ष 1.6 करोड़ बंदरगाहों को संभालने की क्षमता होगी। इसका पहला चरण 18,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2028 तक शुरू हो जाएगा और इसमें 40 लाख पोतों को संभालने की क्षमता होगी।
विनाइल टाइल्स का इस्तेमाल घरों एवं वाणिज्यिक इमारतों में फ्लोरिंग के लिए किया जाता है। यह देखने में प्राकृतिक लगती हैं लेकिन यह असल में पीवीसी से बनी होती हैं।
स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत स्टार्टअप के करोबार के विभिन्न स्तरों पर पूंजी उपलब्ध कराने के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप’ (एफएफएस) योजना, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और क्रेडिट गारंटी स्कीम ऑफ स्टार्टअप (सीजीएसएस) को लागू किया गया है।
रीट का मॉडल म्यूचुअल फंड की तरह है। जिस तरह म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा जुटाकर फंड मैनेजर अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है, ठीक उसी तरह रीट में निवेशकों का पैसा रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया जाता है।
विभिन्न इंडस्ट्री क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स को आगामी बजट से टैक्स सम्बंधित छूट और वित्तीय सहायता को लेकर काफी उम्मीदें है ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके और जीडीपी में उल्लेखनीय इजाफा हो सके।
आज फिर से शेयर बाजार में गिरावट देखी गई है। यह दो दिनों से जारी है। बजट से पहले बाजार में आई ऐसी गिरावट क्या संकेत दे रही है? क्या कहते हैं पिछले 10 साल के आंकड़े? आज की स्टोरी में हम इस पर नजर डालेंगे।
कोरोना के बाद से मंदी की आशंका ने इस सेक्टर की ग्रोथ में ब्रेक लगाने का काम किया है। ऐसे में सरकार से ये उम्मीद की जा रही है कि इस सेक्टर में बूम लाने के लिए वह बजट में कुछ बड़े प्रावधान करेगी।
इस बार का बजट सभी सेक्टर्स के लिए खास रहने वाला है, क्योंकि दुनियाभर में आ चुकी मंदी के बीच भारत में विकास की रफ्तार को बरकरार रहने की उम्मीद जताई गई है। सरकार ने छोटे-छोटे MSMEs के लिए पहले से ही कई अच्छे प्लान तैयार कर लिए हैं।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ईवी को हमेशा प्रमोट करते हुए नजर आते हैं। यही वजह है कि इस बार ईवी इंडस्ट्री को बजट से काफी उम्मीदें हैं। सरकार इस बार कई घोषणाएं कर सकती है।
एलकेपी सिक्योरिटीज का मानना है कि बजट में पावर सेक्टर पर पूरा जोर दिया जाएगा। इसका फायदा पावर फाइनसेंस कॉरपोरेशन को होगा।
आवास ऋण के ब्याज पर 2 लाख रुपये की कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी महामारी के प्रभाव से उबर रहा है।
आगामी बजट से ग्रामीण/कृषि खर्च में 10 अरब डॉलर की वृद्धि होने की संभावना है- जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक होगा। यह चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में 20 प्रतिशत की वृद्धि को दोहरे अंकों में बनाए रखेगा।
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