यह लगातार छठा साल रहा जब इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश हुआ
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में भारतीय पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले। इससे पिछले तीन महीनों के दौरान उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी की थी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 5,500 करोड़ रुपए की निकासी की है। वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के संकेतों से विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर महीने में शेयर बाजार से 7,300 करोड़ रुपए की निकासी की है। इसके पीछे प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमत बढ़ना और राजकोषीय घाटे के दायरे में वृद्धि होना बताया जा रहा है।
नए ऑर्डर मिलने से जून माह के दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जोरदार उछाल आया है और इस क्षेत्र का PMI आंकड़ा 53.1 अंक पर पहुंच गया।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में मई में 10,790 करोड़ रुपए का प्रवाह हुआ, जो दो साल का सर्वाधिक मासिक निवेश है। इसका कारण निवेशकों में बाजार को लेकर भरोसा है।
सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाए जाने से देश में FDI वित्त वर्ष 2016-17 में 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश अप्रैल में चार महीने के उच्चस्तर 9,429 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। खुदरा निवेशकों की भागीदारी से निवेश का प्रवाह बढ़ा है।
फॉरेन एक्सेंच रिजर्व ने 372.7 अरब डॉलर का नया ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड बनाया है। 28 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार 1.594 अरब डॉलर बढ़ा है।
फरवरी में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड में 30,000 करोड़ का निवेश किया और चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में कुल निवेश 3.98 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
एफपीआई ने इस महीने अभी तक भारतीय पूंजी बाजार में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। आगे भी निवेश जारी रहने की संभावना है।
निवेशकों ने जनवरी माह में म्यूचुअल फंड की विभिन्न योजनाओं में 54,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। आय व इक्विटी कोषों से जुड़ी योजनाओं में अधिक निवेश किया गया।
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