आरबीआई स्पौंसर्ड प्रोफेशनल एनालिस्ट के एक सर्वे के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच सकती है।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है। हफ्ते के पहल कारोबारी दिन के शुरूआती कारोबार में 8 पैसे टूटकर दो साल के निचले स्तर 66.84 पर आ गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 66.80 पर खुला और देखते ही देखते 66.90 के स्तर पर आ गया, जो कि सितंबर 2013 के बाद का निचला स्तर है।
पेट्रोलियम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच चल रही बातचीत अगर सफल होती है तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती हैं।
बार्कलेज के मुताबिक जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5% रहेगी। इसके अलावा अगले साल 0.50 फीसदी ब्याज दरें घटने की भी संभावना है।
एसोचैम ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इस साल देश में चीनी का उत्पादन और गन्ने की पैदावार घटने से अगले साल चीनी के दाम में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा। इससे तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई हो पाई है।
दाल, सब्जी और खाने पीने की दूसरी वस्तुओं के अलावा पेट्रोल और रसोई गैस महंगी होने के चलते अक्टूबर में थोक महंगाई दर में उछाल आया है।
दाल, दूध, तेल और मसालों की कीमत बढ़ने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5 फीसदी हो गई है, जो सितंबर में 4.41 फीसदी थी।
महंगाई की मार से हर कोई त्रस्त है। लंकापति रावण का कद भी बढ़ती महंगाई के आगे छोटा होता जा रहा है।
अक्टूबर में अरहर और उड़द 35 फीसदी तक महंगा हो गया है। वहीं इस हफ्ते अरहर और उड़द की दाल में 2500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
महंगाई से राहत के लिए सरकार इस सीजन में किसानों से बाजार मूल्य पर 40 हजार टन दालों की खरीद करेगी। इसकी मदद से बफर स्टॉक बनाया जाएगा।
थोकमूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर सितंबर में थोड़ी बढ़ कर शून्य से 4.54 प फीसदी नीचे रही। दलहन, सब्जी और प्याज के मंहगा होने से थोक महंगाई दर में यह वृद्धि हुई है, बावजूद इसके यह लगातार 11वें महीने शून्य से नीचे है।
एक्सपर्ट्स की माने तो गुरुवार को होने वाली बैठक में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल 1.50 रुपए तक और डीजल 50 पैसे तक महंगा करने का फैसला ले सकती हैं।
सरकारी आंकड़ें बताते हैं कि देश में थोक और रिटेल महंगाई घटी है, जबकि दाल, प्याज, चीनी और पेट्रोल जरूरी चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
देशवासियों को महंगी प्याज से राहत देने के लिए सरकार ने 2,000 टन प्याज का आयात किया है।
देश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके बावजूद प्याज, दाल और खाद्य तेल जैसी एग्री कमोडिटीज के लिए आयात पर निर्भरता बढ़ती जा रही है।
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