सरकार ने कहा की कीमतों पर करीबी नजर रखे है। देश भर के खुदरा बाजारों में दालों की कीमतें 83 से 177 रुपए प्रति किलो के दायरे में लगभग स्थिर बने हुए हैं।
मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से 0.85 फीसदी प्रतिशत नीचे रही, जो कि फरवरी में शून्य से 0.91 प्रतिशत कम थी।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर 5% के आसपास रहने का अनुमान लगाया है। वहीं सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से महंगाई बढ़ेगी।
पेट्रोल के दाम 2.91 रुपए प्रति लीटर और डीजल के 98 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं। आज मध्यरात्रि से दिल्ली में पेट्रोल का दाम 61.87 रुपए प्रति लीटर हो गया।
खाने-पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी की रफ्तार कम होने से रिटेल महंगाई दर घटी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित रिटेल महंगाई फरवरी में 5.18 फीसदी रही।
फरवरी में थोक महंगाई दर -0.9 फीसदी पर स्थिर रही। यह लगातार 16वां महीना जब थोक महंगाई दर शून्य के नीचे रही है। जनवरी में महंगाई दर शून्य से 0.90% नीचे थी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि भारत में दुनिया का 25 फीसदी दालों का उत्पादन होता लेकिन खपत 28 फीसदी है। इसके कारण कीमतें बढ़ी हैं।
आईएमएफ का मानना है कि महंगाई का लक्ष्य पाना है तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को सख्त मौद्रिक नीति को लंबे समय के लिए रखना पड़ सकता है।
पासवान ने आश्वस्त किया कि इस साल दालों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, सरकार ने सप्लाई और डिमांड के अंतर को पाटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता जा रहा है। एशियाई करेंसी में मजबूती के बावजूद हफ्ते के पहले दिन रुपया शुरुआती कारोबार में 23 पैसे टूटकर 30 महीने के न्यूनतम स्तर 68.69 पर आ गया।
जाट आंदोलन की वजह से दिल्ली में पीने का पानी खत्म होने को है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों और दूध की सप्लाई पर गहरा असर पड़ा और कीमतें बढ़ गई हैं।
थोक महंगाई दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में थोक महंगाई दर शून्य से 0.90 फीसदी नीचे रही
खाने पीने की वस्तुओं में जारी महंगाई ने एक और रिकॉर्ड बना दिया है। जनवरी में महंगाई दर 5.69 फीसदी पर पहुंच गई। यह पिछले 17 महीनों में उच्चतम स्तर है।
दिसबंर में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान महंगाई दर -1.99 फीसदी से बढ़कर -0.73 फीसदी रही। इस दौरान चावल, सब्जियों, फल, दूध के दाम बढ़े हैं।
पहली खबर नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 3.2 फीसदी की कमी आई है। अक्टूबर में इसमें 9.8 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी।
सरकार ने साल 2015-16 के लिए छमाही इकोनॉमिक सर्वे जारी कर दिया है। इसमें जीडीपी अनुमान को 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया गया है।
सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 67.09 के स्तर पर बंद हुआ। यह रुपए का बीते 27 महीने में सबसे निचला स्तर है।
अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में थोक महंगाई बढ़ गई है। दाल, सब्जी, फ्यूल और नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में महंगाई -1.99 फीसदी दर्ज की गई।
अनियमित मौसम के कारण चाय उत्पादन में भारी कमी की आशंका है। इसके कारण अक्टूबर से अब तक चाय 4-5 रुपए प्रति किलो तक महंगी हो चुकी है।
मोदी सरकार इस हफ्ते जीएसटी बिल को राज्यसभा में पास कराने की पूरी कोशिश करेगी। अगर ये बिल पास हो जाता है तो इससे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ सकती है।
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