मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले महीने 1.26 प्रतिशत थी।
Retail inflation in May : मई महीने में खाद्य महंगाई दर अप्रैल की 8.75 फीसदी से घटकर 8.62 फीसदी पर आ गई। हालांकि, यह मई 2023 में दर्ज हुई 3.3 फीसदी से अधिक है।
रबी की फसल के रकबे में भारी कमी के कारण प्याज की कम आवक और पश्चिम बंगाल में फसल खराब होने से आलू की आवक कम होने से इन सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।
Veggies Prices : ओवरऑल खुदरा महंगाई अप्रैल में 11 महीने के निचले स्तर 4.8 फीसदी पर आ गई। लेकिन सब्जियों और दालों के भाव लगातार ऊपर बने हुए हैं।
सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति दर का आंकड़ा जारी कर दिया है, जो पिछले 9 महीने के न्यूनतम स्तर पर है। मार्च में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर 4.85 प्रतिशत रही है, जो पिछले साल जून के 4.81 प्रतिशत के बाद सबसे कम है।
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक निगेटिव थी और नवंबर में 0.26 प्रतिशत पर पॉजिटिव हो गई थी।
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे। पिछले महीने, केंद्रीय बैंक ने सीपीआई मुद्रास्फीति 5 पर रहने का अनुमान लगाया था।
मांसाहारी थाली के मामले में कीमत एक साल पहले की अवधि में 59.2 रुपये की तुलना में घटकर 54 रुपये हो गई। हालांकि जनवरी के 52 रुपये की तुलना में अधिक है।
सर्वेक्षण के अनुसार, मौजूदा कीमतों पर शहरी क्षेत्रों में औसत एमपीसीई (बिना वैकल्पिक आंकड़ों के) 2011-12 के 2,630 रुपये से 2022-23 में दोगुना से अधिक होकर 6,459 रुपये हो गया है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में यह 1,430 रुपये से बढ़कर 3,773 रुपये हो गया है।
बाजार नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद को लेकर आगे है, लेकिन इस समय जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। लंबे समय तक हाई ग्रोथ को बनाए रखने के लिए मूल्य और वित्तीय स्थिरता जरूरी है।
कृषि कामगारों के मामले में तमिलनाडु 1,470 अंक के साथ सूचकांक सूची में सबसे ऊपर रहा। वहीं, हिमाचल प्रदेश 970 अंक के साथ निचले स्थान पर रहा। ग्रामीण श्रमिकों के मामले में आंध्र प्रदेश 1,454 अंक के साथ सूची में टॉप पर रहा।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत रही है। यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लिए 0.27 प्रतिशत (अस्थायी) रही।’’ थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.8 प्रतिशत थी।
जनवरी महीने में भारत की खुदरा महंगाई में गिरावट आई है। देश की खुदरा महंगाई जनवरी में घटकर 5.10 फीसदी रही है। यह दिसंबर में 5.69 फीसदी के साथ 4 महीने के उच्च स्तर पर थी।
RBI की ओर से आज नई मॉनेटरी पॉलिसी जारी की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बार भी रेपो रेट को यथावत रखा जाएगा।
वेज थाली की कीमत में बीते महीने सालाना आधार पर पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, नॉन-वेज थाली की कीमतों में गिरावट हुई है।
खुदरा के बाद थोक महंगाई में भी दिसंबर महीने में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दिसंबर, 2023 में थोक महंगाई दर 0.73 फीसदी दर्ज हुई है। सब्जियों और दालों की कीमतों में उछाल के चलते थोक महंगाई में यह इजाफा हुआ है। दिंसबर में खुदरा महंगाई 4 महीने के उच्च स्तर पर रही थी।
December CPI: दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है और यह चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई में तेजी का कारण खाद्य वस्तुओं की कीमत में इजाफा होना है।
रिपोर्ट बताती है कि मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत के शिखर से काफी कम हो गई है, लेकिन यह फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत लक्ष्य से काफी ऊपर बनी हुई है।
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