एचडीएफसी बैंक, आईटीसी और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा महंगाई के आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से पैदा हुई अड़चनें अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है।
शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 33,123.44 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था और फिलहाल 28.33 प्वाइंट घटकर 33,199.16 पर कारोबार कर रहा है
नवंबर माह में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। नवंबर के लिए रिटेल महंगाई दर 4.88 प्रतिशत रही। इसने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए 4 प्रतिशत के महंगाई लक्ष्य को पीछे छोड़ दिया है।
रेपो रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगी।
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
खाने के तेल की जरूरत का 60-65 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है, ऐसे में इसपर आयात शुल्क बढ़ने से खाने का तेल महंगा होने लगा है
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को शायद ही कम करे।
प्याज और दूसरी सब्जियों सहित खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से अक्टूबर में थोक महंगाई 3.59 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका पिछले छह माह का उच्च स्तर है
मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम और बहाय एवं वित्तीय मोर्चे पर अनिश्चितता की वजह से मौद्रिक नीति की समीक्षा में RBI ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं कर सका।
ग्राणीण क्षेत्रों में जनधन खातों की उपलब्धता बढ़ने की वजह से लोगों के व्यवहार में में बदलाव आया है और लोग खर्च करन के मुकाबले बचत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं
आमतौर पर बाजार का रुख सकारात्मक रहने की उम्मीद है। सितंबर महीने के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े सोमवार को आएंगे
दिवाली से पहले ही देश के शेयर बाजारों में पटाखे फूटने लगे हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी आज 10,167 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नतीजों तथा औद्योगिक उत्पादन (IIP) और मुद्रास्फीति के आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार को दिशा देंगे।
जुलाई के दौरान थोक महंगाई दर सिर्फ 1.88 फीसदी थी जबकि पिछले साल अगस्त में यह दर 1.09 फीसदी थी। पेट्रोल और प्याज महंगा होने से महंगाई दर बढ़ी है।
नोमुरा के अनुसार, आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में अगले 6 से 12 महीने में तेजी की संभावना है और इसके कारण रिजर्व बैंक नीतिगत दर को यथावत बनाये रख सकता है।
प्रोफेसर स्वामीनाथन ने कहा कि शहरी इलाकों में टमाटर, प्याज और दूसरी सब्जियों की कीमत बढ़ने की समस्या हर साल आती है, ऐसे में समस्या का स्थाई समाधान जरूरी है
2 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है।
ASSOCHAM के मुताबिक देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की संभावना और बाजार में कम प्राइस वार की वजह से महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है
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