खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के बावजूद जनवरी, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति घटकर 12.96 प्रतिशत पर आ गई। सरकारी आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली है।
अमेरिका में महंगाई विशेषज्ञों को भी चौंका रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इंफ्लेशन का टार्गेट 2 फीसदी रखा है।
इंडिया टीवी के साथ बजट पर Exclusive बातचीत करते हुए नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि बजट में सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। महंगाई आउट ऑफ कंट्रोल नहीं है।
चौतरफा महंगाई आप पर आक्रमण करने को तैयार है। आने वाले समय में सभी उपभोक्ता वस्तुओं पर कम से कम 3-5 प्रतिशत की महंगाई की मार पड़ने वाली है।
हम खुदरा बाजार से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम करता है खुदरा महंगाई (सीपीआई)। इसी को हिंदी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक कहते हैं।
रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि आधार प्रभाव प्रतिकूल होने की वजह से वित्त वर्ष की बची अवधि में मुद्रास्फीति का आंकड़ा ऊंचा रहेगा।
परिवारों की महंगाई को लेकर सोच उनकी बचत के तौर-तरीकों को प्रभावित करती है। बैंक सावधि जमा पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
आइए जानते हैं कि नए साल से आपकी जेब कौन-कौन से बदलाव देखने जा रही है।
वर्ष 2021 उपभोक्ताओं के लिहाज से खराब रहा है, बढ़ती कीमतों के अलावा लोगों को आय, रोजगार में कमी और कारोबार में नुकसान का सामना करना पड़ा।
भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में ऊंचा रहेगा
श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि सालाना आधार पर खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 4.50 फीसदी हो गई
कृषि क्षेत्र के कामगारों के लिए खुदरा महंगाई दर 2.76 प्रतिशत, ग्रामीण कामगारों के लिए खुदरा महंगाई दर 3.12 प्रतिशत रही है
सितंबर, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2.7 प्रतिशत, खनन क्षेत्र का उत्पादन 8.6 प्रतिशत जबकि बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़ा।
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की, जिसके बाद राज्यों ने भी कटौती की
पिछले कुछ महीनों के दौरान फ्रांस में ऊर्जा कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। यहां डीजल का औसत मूल्य 1.56 यूरो प्रति लीटर और पेट्रोल का औसत मूल्य 1.62 यूरो प्रति लीटर है। दोनों की कीमत इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।
यहां मुद्रास्फीति की रफ्तार पसीने छुड़ा रही है। सितंबर में अगस्त के मुकाबले महंगाई दर में 3.5% की वृद्धि हुई। इसके साथ ही वार्षिक आंकड़ा 53% हो गया।
थोक कीमतों पर आधारिक महंगाई दर अगस्त में 11.39 प्रतिशत थी, जबकि सितंबर 2020 में थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर 1.32 फीसदी थी।
विवेक अय्यर ने कहा कि वास्तविक दरें कुछ समय के लिए नकारात्मक रहने वाली हैं और यह जरूरी है कि लोग वित्तीय साक्षरता के आधार पर सही निवेश विकल्प को चुनें।
माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन में तेजी से एक तरफ आईआईपी में बढ़त देखने को मिली है, वहीं दूसरी तरफ खाद्य कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई दर में भी कमी आई है।
पाकिस्तान को लेकर बड़ी खबर है। इमरान खान एकबार फिर मुसीबत में है। दरअसल इस परेशानी का कारण नए आंकड़े है जो हाल ही में जारी किए गए है।
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