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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में नवंबर, 2022 में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं खनन उत्पादन 9.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.1 प्रतिशत गिर गया।
जुलाई 2020 में आईआईपी में 10.5 फीसदी की गिरावट आई थी। इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान आईआईपी 34.1 फीसदी बढ़ा था। पिछले साल की समान अवधि में यह 29.3 प्रतिशत का संकुचन था।
सरकार ने अप्रैल माह के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के पूर्ण आंकड़े जारी नहीं करने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते पिछले साल भी सरकार ने अप्रैल महीने के आईआईपी आंकड़े जारी नहीं किये थे।
देश के औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित आंकड़ों के अनुसार फरवरी, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन 3.7 प्रतिशत घटा है।
देश के औद्योगिक उत्पादन में दिसंबर में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन है। एक महीने बाद देश का औद्योगिक उत्पादन सकारात्मक वृद्धि की राह पर लौटा है।
जुलाई के दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन में लगातार पांचवे महीने गिरावट देखने को मिली है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई के दौरान इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन यानि आईआईपी में 10.4 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। जून के दौरान इसमें 16.6 फीसदी की गिरावट थी।
कोरोना की वजह से देश में इंडस्ट्रियल उत्पादन में भारी गिरावट देखने को मिली है। सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जून के दौरान 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट में 15 प्रतिशत की भारी गिरावटआई है।
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दिसंबर के दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी है
बिजली उत्पादन भी आलोच्य महीने में 2.6 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
जून महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के 6.90 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 1.20 प्रतिशत पर आ गई।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति जून में इससे पूर्व महीने के मुकाबले मामूली रूप से बढ़कर 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गई।
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के हालिया आर्थिक पूर्वानुमान में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के फरवरी 2019 में 3 से 3.20 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया गया।
नवंबर, 2018 के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर के आंकड़ों को नीचे की ओर संशोधित कर 0.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
खनन क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट तथा पूंजीगत वस्तुओं के कमजोर प्रदर्शन से अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी पड़कर 4.3 प्रतिशत रह गई।
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मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन तथा कैपिटल गुड्स और टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उठाव बढ़ने से जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर बढ़कर 6.6 प्रतिशत पर पहुंच गई।
भारत में औद्योगिक गतिविधियां एक बार फिर से पटरी पर आती दिखाई दे रही हैं। आज जारी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़ों के मुताबिक जून में आईआईपी ग्रोथ 7 फीसदी पहुंच गई है।
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