आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय घटकर 4,805.30 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में 5,818.59 करोड़ रुपये थी।
अगर अन्य राज्य भी लॉकडाउन लगाते हैं तो भारत की ग्रोथ अनुमानों में और कटौती की भी संभावनाएं जताई गयी हैं।
उद्योगपतियों ने एकमत से यह राय जताई कि उद्योग पिछले साल की तुलना में इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए अधिक बेहतर तरीके से तैयार हैं।
वित्त मंत्री ने कोलकाता में हुए इंडस्ट्री के आयोजन में कहा कि केंद्र ने महामारी की दूसरी लहर में बढ़त के बीच रिकवरी को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
वित्त मंत्रालय को भेजे एक ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा है कि विभिन्न व्यवसायों पर बढ़ते दबाव को देखते हुये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में ले जाने पर रोक अवधि को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये।
देश के औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित आंकड़ों के अनुसार फरवरी, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन 3.7 प्रतिशत घटा है।
आईएमएफ की हालिया रिपोर्ट मे भारत के लिए 12.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। अनुमान के मुताबिक साल 2021 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा।
तमिलनाडु के विभिन्न भागों में कोविड-19 महामारी के फिर से बढ़ने के बीच राज्य के कुछ उद्योगपति स्वास्थ्य संकट को देखते हुए प्रवासी मजदूरों के अपने घरों को लौटने को लेकर आशंकित हैं।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है ऐसे में दूसरा लॉकडाउन अगर लगाया जाता है तो इससे न केवल इंडस्ट्री को बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मार्च में घटकर सात माह के निचले स्तर 55.4 पर आ गया। फरवरी में यह सूचकांक 57.5 पर था। पीएमआई का 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि, जबकि इससे नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
कोरोना के टीकाकरण में तेजी की मदद से कम से कम एक डोज पाने वालों की संख्या 5 करोड़ के पार पहुंच गई है। पहली अप्रैल से 45 साल से ऊपर के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू करने से संख्या में और तेजी देखने को मिल सकती है।
देश में कागज और गत्ते के उत्पादन में 65 से 70 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रखने वाले रद्दी कागज पर आधारित उद्योग इन दिनों अप्रत्याशित संकट का सामना कर रहा है।
सरकार इस बात का मूल्यांकन कर रही है कि घरेलू खिलौना उद्योग को किस तरह के प्रोत्साहन की आवश्यकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, सरकार चाहती है कि भारतीय खिलौने गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा दोनों हासिल करें।
देश के औद्योगिक उत्पादन में दिसंबर में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन है। एक महीने बाद देश का औद्योगिक उत्पादन सकारात्मक वृद्धि की राह पर लौटा है।
वैश्विक मांग में भारत के निर्यात का हिस्सा 0.5 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में इस क्षेत्र में काफी अवसर हैं। इस क्षेत्र में अभी चीन और वियतनाम जैसे देशों का दबदबा है। भारत का खिलौना निर्यात करीब 10 करोड़ डॉलर पर सीमित है।
भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2020- 21 में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान सामने आया है। सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कोविड- 19 महामारी ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचाया है।
मजदूरी की नई परिभाषा पिछले साल संसद द्वारा पारित मजदूरी संहिता, 2019 का हिस्सा है। सरकार एक अप्रैल 2021 से तीन अन्य संहिताओं के साथ इसे भी लागू करना चाहती है। नई परिभाषा के अनुसार किसी कर्मचारी के भत्ते, कुल वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकते।
कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक सहित बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ आदि बड़े उद्योगपतियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में भाग लिया। वित्तमंत्री के साथ, वित्त सचिव ए.बी. पांडे, सचिव डीईए, तरुण बजाज, मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन आदि वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
विनिर्माण, उपभोक्ता सामानों और बिजली क्षेत्र में तेजी से अक्टूबर 2020 में औद्योगिक उत्पादन 3.6 प्रतिशत बढ़कर आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
RBI ने वित्त वर्ष 2020-21 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर में 9.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान दिया है। इसमें चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 9.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 0.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान रखा गया था। हालांकि दूसरी तिमाही के आंकड़े अनुमान से बेहतर रहे हैं।
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