Indian Railway: भारतीय रेलवे की ओर से हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है। भारतीय रेलवे द्वारा 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा गया है।
साल 2022-23 में प्रतिदिन 14 किमी ट्रैक बिछाया गया और इस साल 16 किमी ट्रैक प्रतिदिन बिछाने का लक्ष्य है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।
केंद्र सरकार ने ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें पिछले 10 वर्षों की भारत की जर्नी के साथ ही आने वाले समय में इकोनॉमी को लेकर अनुमान बताए गए हैं।
Railway shares news : बजट से पहले रेलवे के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। आरवीएनएल का शेयर जनवरी 2024 में अब तक 75 फीसदी उछल गया है। पिछले एक साल में इस शेयर ने 279 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।
केंद्रीय रेल मंत्री की ओर से एक सवाल के जवाब में कहा गया कि रेलवे द्वारा पहले ही टिकट पर 55 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जा रहा है।
दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती के बीच भारत की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा लचीली बनी हुई है। भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकता सितारा है और वैश्विक आर्थिक मंदी में देश की जीडीपी वृद्धि दूसरों से आगे रहने की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के उम्मीदों से अधिक 7.3% की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ने का अनुमान है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक ग्रोथ के 2022 के 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
Indian Economy की रफ्तार चालू वित्त वर्ष में कायम रहेगी। एनएसओ की ओर से जारी किए गए अनुमान में बताया गया है। वित्त वर्ष24 में भारत की जीडीपी 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने न सिर्फ इस साल बल्कि पिछले कुछ सालों में अपने समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत की आर्थिक वृद्धि लगातार छह प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। उम्मीद है कि बढ़ोतरी 2024 और 2025 में भी जारी रहेगी।
7 जनवरी तक हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर घने से बहुत घने कोहरे छाने की संभावना है। आने वाले दिनों में भी ट्रेनों पर मौसम की मार पड़नी तय है। ट्रेनों के देरी से चलने की संभावना है।
मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रही। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। वैश्विक ग्रोथ के 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इनके बीच भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत वित्तीय प्रणाली के साथ वृहद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती दिखा रही है। मजबूत वित्तीय प्रणाली वृद्धि को बढ़ावा दे रही है।
Amrit Bharat Express Fare: अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन के किराए की डिटेल सामने आ गई है। इसका किराया आम एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों की अपेक्षा करीब 17 प्रतिशत ज्यादा है।
भारत के चालू खाते के घाटे में कमी आई है। यह मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर GDP का एक फीसदी यानी 8.3 अरब डॉलर रहा। वस्तुओं के व्यापार का घाटा कम होने तथा सेवा निर्यात बढ़ने से चालू खाते का घाटा कम हुआ है।
Amrit bharat express : पीएम मोदी 30 दिसंबर को 2 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं। इन ट्रेनों का कलर केसरिया होगा। स्पीड वंदे भारत की तरह ही 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। लेकिन किराया कम होगा।
देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बड़ी खुशखबरी मिली है। तीसरी तिमाही में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.8 फीसदी की बंपर उछाल के साथ 6.24 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह बताता है कि तीसरी तिमाही में भी इकॉनमी में ग्रोथ मोमेंटम लगातार बना हुआ है। ये आंकड़े शानदार कॉरपोरेट मुनाफे का भी संकेत देते हैं।
भारत इस समय डॉलर के मूल्य में 10.22 प्रतिशत की वार्षिक औसत दर से बढ़ा है। इस दर पर भारत की जीडीपी 2026 में 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर और 2027 में 5,500 अमेरिकी अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी।
रिपोर्ट में दुनियाभर के 11,080 प्रतिभागियों में भारत से 1,000 प्रतिक्रियाएं आई हैं। ज्यादातर श्रमिक या कर्मचारी सकारात्मक संगठनात्मक संस्कृति को अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्राथमिक कारक मानते हैं ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेहतरीन नीतियों के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में भारत की 7.7 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि हासिल की है। इस पर खुद पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए परिवर्तनकारी सुधारों का यह प्रतिबिंब है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार या वित्तीय संस्थानों के वित्तीय संसाधनों पर निर्भर हुए बिना भी कॉर्पोरेट क्षेत्र के पास इन निवेशों को करने और पुनर्संतुलन करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। वैश्विक मंदी और मध्य पूर्व और यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के कारण उत्पन्न आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेश में मंदी आई है।
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