लॉकडाउन की वजह से विशेष ट्रेन के अतिरिक्त बाकी ट्रेन पर फिलहाल रोक जारी
Covid-19 के चलते इस साल Indian Railway की लक्षित कमाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
सर्वे के मुताबिक 77 फीसदी कंपनियों की अमेरिका में और निवेश की योजना
तेल कंपनियों ने कहा कि दिल्ली में एविएशन टर्बाइन फ्यूल की कीमत में 5494.5 रुपए प्रति किलोलीटर, कोलकाता में 5480.62 रुपए प्रति किलोलीटर, मुंबई में 5494.5 रुपए प्रति किलोलीटर और चेन्न्ई में 5670.33 रुपए प्रति किलोलीटर की वृद्धि की गई है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दोहराया कि इन ट्रेनों का संचालन 85-15 प्रतिशत की केंद्र-राज्य भागीदारी पर किया गया। मजदूरों से कोई किराया नहीं लिया गया।
योजना के तहत देश के पांच राज्यों में प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा
आईएचएस मार्किट ने कहा कि वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में तीव्र गिरावट का अनुमान है, जिससे वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक वृद्धि दर गहरी मंदी का शिकार हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग निवेश के सबसे निचले स्तरों पर की
रेलवे की माल ढुलाई से कमाई में इस साल अप्रैल-मई के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 8,283 रुपए की गिरावट आई है।
फिच के अनुसार अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था फिर रफ्तार पकड़ सकती है।अगले साल भारत की अर्थव्यवस्था 9.5% की रफ्तार से बढ़ सकती है।
World Bank ने कहा वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जो कड़े उपाय किए गए उससे अल्पकालिक गतिविधियां बहुत सीमित हो गई। आर्थिक संकुचन में इसकी भूमिका होगी।
सर्वेक्षण में शामिल किए गए सभी 16 बाजार में प्रतिबंध हटने के बाद भारतीयों को नौकरियां वापस पाने को लेकर सबसे आशावादी पाया गया।
अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने और कोविड-19 से पहले वाले दौर में वापस लाने के लिए हमें इस स्वास्थ्य संकट से बाहर आना होगा।
2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है।
नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तीन भारतीय कंपनियों के अलावा 18 अन्य कंपनियों को भी यह लाइसेंस मिला है।
भारतीय रेलवे ने कहा कि उसने सभी स्पेशल ट्रेनों के लिए एडवांस रिजर्वेशन अवधि को मौजूदा 30 दिनों से बढ़ाकर अब 120 दिन कर दिया है।
आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह सामान्य होने में एक साल का वक्त संभव
एजेंसी ने कहा कि अप्रैल मध्य से कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी आने और इसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर विपरीत असर पड़ा है।
रेल मंत्री के मुताबिक अब तक 3,000 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का सफल परिचालन
तमाम मुश्किलों के बावजूद एक सेक्टर ऐसा है जहां पर पहले के मुकाबले ज्यादा रफ्तार से काम हो रहा है और वह है देश का कृषि सेक्टर। सरकार भी इस सेक्टर से बहुत ज्यादा उम्मीद लगाए बैठी है।
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