भारतीय बाजारों के लिए, सबसे अनुकूल अवधि जुलाई 1990 से फरवरी 1994 तक फेड की ब्याज दर में कटौती का चक्र था। इस दौरान निफ्टी में 310 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल देखी गई थी।
इस महीने अब तक नकदी बाजार में एफआईआई (FII) ने 18,260 करोड़ रुपये की बिक्री की है। हालिया गिरावट के बाद भी वैल्यूएशन ऊंचा बना हुआ है।
1 अगस्त 2007: लगातार गिरावट के बाद सेंसेक्स 14,936 पर बंद हुआ, निफ्टी 183 अंक गिरकर 4346 पर बंद हुआ।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई महीने में अभी तक भारतीय शेयर बाजारों से 7,712 करोड़ रुपये की निकासी की है।
घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआत बुधवार को फीकी रही। सेंसेक्स में 150 अंक से ज्यादा की गिरावट देखी गयी।
वैश्विक और एशियाई बाजार के सकारात्मक संकेतों के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में बढ़त देखी गयी।
आम चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत के बीच शेयर बाजारों में तेजी से सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में सात का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह कुल मिलाकर 1.42 लाख करोड़ रुपए बढ़ा।
देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव भरे रहने की संभावना है। नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार इस राजनीति की अस्पष्टता के चलते निकट अवधि में शेयरों का मूल्यांकन सीमित ही रह सकता है।
पाकिस्तान की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियों को बेचकर अगर भारतीय कंपनी को खरीदना पड़ जाए तो वह भारत एक कपंनी की खरीद भी नहीं कर पाएंगे
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