बीते आठ महीनों में देश के प्रमुख स्टार्टअप्स ने करीब 2,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया। जबकि सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए इनको रियायतें दे रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक डेमोग्राफिक दृष्टि से एक नया वेंचर स्टार्ट करने के लिए दिल्ली सबसे पसंदीदा जगह के तौर पर उभर कर समाने आया है।
वेंचर एंड स्टार्टअप एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म Xeler8 के अनुसार भारत में 10 ऐसे एंजेल इन्वेस्टर का एक ग्रुप है, जिन्होंने 425 स्टार्टअप को फंडिंग की है।
सरकारी ने ईडीएफ की शुरूआत कर दी है। इस फंड का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर की नई कंपनियों (स्टार्टअप) की मदद करने के लिए की जाएगी।
रतन टाटा ने कहा कि देश में असमानता के वातावरण की समस्या है। राजनीतिक कारणों के चलते भारतीय समाज में जाति, धर्म और सांप्रदायिक आधार पर खाइयां पैदा की गई हैं।
उद्योगपति रतन टाटा ने प्रीमीयम चाय कंपनी, टीबॉक्स में निवेश किया है। गौरतलब है कि उन्होंने हाल में वैश्विक स्तर पर विभिन्न स्टार्टअप में निवेश किया है।
जोमाटो, क्लियरट्रिप, पेटीएम सहित सैकड़ों स्टार्टअप्स और उनके कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेट न्यूट्रैलिटी का बचाव करने को कहा है।
यहां कुछ ऐसे सवाल हैं कि क्या वास्तव में देश में मौजूद सभी स्टार्टअप्स सरकार द्वारा घोषित फायदों को हासिल करने के लिए एलीजिबल हैं?
युवा उद्यमियों और इनोवेशन ट्रेनिंग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने पेटेंट, ट्रेडमार्क या डिजाइन की पूरी लागत का बोझ खुद उठाने का फैसला किया है।
अधिक सैलरी और कॅरियर ग्रोथ के लिए प्रोफेशनल्स स्टार्टअप ज्वाइन कर रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो स्टार्टअप में सबसे ज्यादा नौकरी जा रही हैं।
स्टार्टअप शब्द को लेकर अस्पष्टता और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, इसलिए भारत सरकार इस संशय को स्पष्ट करना चाहती है।
रतन टाटा ने कहा कि वह नए विचारों पर आधारित कंपनियों में निवेश करते हैं जो उन्हें उत्साहित करते हैं। अबतक 20 से अधिक स्टार्ट अप में निवेश कर चुके हैं।
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत पर सावल उठाते हुए एक्सपर्ट 2015 में स्लोडाउन का अनुमान लगा रहे थे। इसके बावजूद निवेशकों ने पैसे दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के दौरान जल्द ही नौजवानों के लिए स्टार्टअप इंडिया योजना को शुरू करने की घोषणा की।
साल 2015 में भारतीय स्टार्टअप्स के लिए कई मायनों में बेहतर रहा है। देशी और विदेशी निवेशकों ने स्टार्टअप्स के लिए अपनी झोली खोल दी।
देश के स्टार्टअप्स ने इस साल की पहली तिमाही में 1.7 अरब डॉलर की राशि जुटाने में सफलता पाई है।
नंदन नीलेकणी ने पांच स्टार्टअप्स में अभी तक अपना निजी निवेश किया है। इसके जरिये उन्होंने अन्य एंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक उदाहरण भी पेश किया है।
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा और क्रेडिट कार्ड क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकन एक्सप्रेस ने अमेरिका स्थित स्टार्टअप अब्रा में निवेश किया है।
लेटेस्ट न्यूज़