भारतीय रिजर्व बैंक की बांड खरीदने की योजना के कारण बीते सप्ताह रुपये में कमजोरी आई और अब शेयर बाजार में बिकवाली होने के कारण देसी करेंसी पर दबाव देखा जा रहा है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते रुपये को कुछ राहत मिली।
भारतीय रुपए में बहुत बड़ी गिरावट आज दर्ज की गई। शुक्रवार का दिन निवेशकों के लिए भी अच्छा नही रहा, सेंसेक्स में गिरावट के बाद उनके भी कई लाख करोड़ रुपए सवाहा हो गए है। रुपए की यह गिरावट डॉलर के मुकाबले 19 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट है।
अमेरिकी डॉलर के बदले पाकिस्तानी रुपये की विनिमय दर 159.30 रुपये है। यानी अगर पाकिस्तान में एक डॉलर खरीदना हो तो आपको 159.30 रुपये खर्च करने होंगे।
2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे और उन्होंने मंगलवार को 2,095.23 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
निवेशकों में चिंता की भावना है क्योंकि वे दुनिया के दूसरे देशों के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी के कारण गहरे संकट में पड़ता हुआ देख रहे हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया गुरुवार को कमजोरी के साथ 74.96 के भाव पर खुला। इसमें आगे गिरावट जारी रही और यह डॉलर के मुकाबले 75.12 के स्तर पर जा पहुंचा।
वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच शुरुआती कारोबार में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 65 पैसे टूटकर 73.99 पर खुला।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज बाजार में मंगलवार को रुपया 72.50 पर खुला। दिन के कारोबार में इसने अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 72.43 का निम्न और 73.34 का उच्च स्तर छुआ।
13 नवंबर को रुपया डॉलर के मुकाबले 72.09 पर बंद हुआ था। महाशिवरात्रि के मौके पर वित्तीय बाजार शुक्रवार को बंद रहे।
विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार बने रहे। सोमवार को उन्होंने 68.24 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की खरीदारी की।
ऐेसे माहौल में ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 4.5 प्रतिशत बढ़कर 69.23 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 71.22 रुपए प्रति डॉलर पर कमजोर खुला।
ऐसी आशंका है कि ये आंकड़े निराशाजनक हो सकते हैं और इससे मुद्रा की तेजी पर अंकुश लग सकता है।
मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 1131.12 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की।
विदेशी निवेशकों का भारतीय पूंजी बाजार की तरफ रुझान जारी है।
अगले हफ्ते दूसरी तिमाही के जीडीपी नतीजों पर सबकी नजर रहेगी और अनुमान के मुताबिक कमजोर आंकड़े आने से डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो सकता है।
फॉरेक्स ट्रेडर्स ने बताया कि कमजोर औद्योगिक उत्पादन और कमजोर वैश्विक कारणों से बुधवार को फॉरेक्स मार्केट में भी कमजोरी का दौर हावी रहा।
आर्थिक नरमी और स्थानीय स्तर पर ऊंची कीमतों की वजह से भारत की सोने की मांग पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तिमाही में 32 प्रतिशत घटकर 123.9 टन पर आ गई है।
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