Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन को इंडियन रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली सबसे स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट में गिना जाता है। इसमें बैठकर यात्रा करने की सुविधा होती है। यह किसी भी दूसरी ट्रेन से तेज गति से सफर करती है। अब एक मास्टर प्लान के जरिए इसमें सो कर भी सफर करने की व्यवस्था की जा रही है।
अगर आप रेलयात्री ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है। एक रिपोर्ट की मानें तो रेल यात्री ऐप के करीब 3 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा लीक होने की खबर सामने आई है। जो डेटा लीक हुआ है उसमें यूजर्स का नाम, ई-मेल आईडी, लोकेशन और फोन नंबर शामिल है।
ट्रेनों को पटरी से उतरने से बचाने और दुर्घटनाओं को रोकने में वी-आकार के ट्रैक का बहुत महत्व है। इन्हें गार्ड रेल कहा जाता है और ये दो पटरियों के बीच के चौराहे को मजबूत करने का काम करती हैं। इनका प्रयोग तीन स्थानों पर होता है। आइए जानते हैं कि वे क्या हैं।
Indian Railway News: होली से पहले ही IRCTC ने एक बुरी खबर दे दी है। ट्रेन में खाने पीने की कीमतों को बढ़ा दिया है। नए दामों की एक लिस्ट भी जारी की गई है।
गाजियाबाद का पुराना रेलवे स्टेशन अब एयरपोर्ट की तरह चमकेगा। रेल मंत्रालय ने नए रेलवे स्टेशन के मॉडल की तस्वीर भी जारी की है। इन तस्वीरों में गाजियाबाद का पुराना रेलवे स्टेशन एकदम एयरपोर्ट की तरह चमचमाता दिखाई दे रहा है।
भारत में अधिकतर यात्री ट्रेन से सफर करना प्रेफर करते हैं। ये सबसे आसान साधन है। हालांकि क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे लंबा और सबसे छोटा ट्रेन रूट कौन सा है। आइए जानते हैं ट्रेन के सबसे छोटे और लंबे रूट के बारे में।
Train Name Rule: राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस और दिल्ली-मंडुआडीह एक्सप्रेस जैसी दूसरी कई ट्रेनों का नाम रखते वक्त सरकार किस नियम को फॉलो करती है या अचानक से जो मन में पहली बार नाम आ जाता है उसे रख दिया जाता है। आइए आज इसपर विस्तार से बात करते हैं।
रेलवे स्टेशन का नाम काले रंग से क्यों लिखा जाता है? अगर आपने कभी इस बारे में नहीं सोचा है तो हम आपको बताएंगे कि बोर्ड का रंग पीला और उसपर लिखा नाम काला क्यों होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि साइन बोर्ड को इस तरह रंगने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
रेल परिवहन का इस्तेमाल अमूमन थोक सामान ले जाने में होता रहा है लेकिन हाल में सड़क के रास्ते भी पहुंचाए जा सकने वाले कई उत्पादों की कंटेनरों में रेल के जरिये ढुलाई की जा रही है।
प्रतिदिन भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर है और लंबाई के मामले में यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है।
भारतीय रेलवे ने साल 2018 में, रेल मदद ऐप- एक शिकायत निवारण पोर्टल पेश किया गया है, जहां यात्री अपने फोन का उपयोग करके ट्रेनों या स्टेशनों के बारे में अपनी शिकायत आसानी से दर्ज कर सकते हैं। लोग अपनी लिखित कंप्लेन के साथ फोटो भी अपलोड कर सकते हैं।
भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए कई नियम बनाए हैं इनमें से एक नियम अपर बर्थ वाले पैसेंजर्स के लिए है। हालांकि बहुत से पैसेंजर इन नियमों के बारे में नहीं जानते हैं। आइए आपको उनके बारे में बताते हैं।
रेल मंत्री वैष्णव ने संसद को बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए लगभग 53% की औसत रियायत है।
विश्व का सबसे ऊंचा स्ट्रेट-ग्रेविटी डैम 1963 में पूरा किया गया। इसके बाद ग्रामीणों की जरूरत को देखते हुए इस लाइन को बंद न करके फ्री में चलाना शुरु कर दिया गया। ये ट्रेन 13 किलोमीटर तक का सफर तय करती है जो सभी के लिए फ्री है।
Northern Railway Sells Scrap: रेलवे प्लेटफॉर्म और उसके आस-पास गैरजरूरी चीजों को एक बेच देता है। इस बार उत्तर रेलवे ने 500 करोड़ रुपये के कबाड़ बेचे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें।
भारत में एक ट्रेन ऐसी है जो 5 घंटे में 46 किमी की दूरी तय करती है। इसका ये कारण है कि ये लोगों को घूमाते हुए आती है। इस ट्रेन के पांच स्टॉपेज भी हैं जिसमें कॉनून, वेलिंगटन, आरवनकाडु, केट्टी और लवडाले शामिल है।
कटरा-बनिहाल का 111 किमी लंबा रेल खंड बन रहा है। ये सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इस लाइन का 97.34 किमी हिस्सा सुरंगों से गुजरता है।
अगर आपकी ट्रेन मिस हो जाती है तो आपके पास जो मौजूद टिकट है उसका क्या होता है। ये सवाल अधिकतर लोगों के मन में आता है। दरअसल अगर आपका टिकट रिजर्वेशन में है तो उस टिकट से आप किसी अन्य ट्रेन में सफर नहीं कर सकते हैं। अगर आपके पास रिजर्वेशन टिकट नहीं है तो आप उस टिकट से दूसरे ट्रेन में सफर कर सकते हैं।
रेलवे पैसा जुटाने के लिए कई तरह के तरीके अपना रहा है। उत्तर मध्य रेलवे ने एक मिशन भी शुरु किया है ताकि अधिक से अधिक कबाड़ को बेचा जा सके। यहां पूरी रिपोर्ट पढ़ें।
भारतीय रेलवे की टिकटों की कीमतें बीते कई साल से नहीं बढ़ी हैं। वहीं कोरोना के समय में रेलवे को काफी घाटा उठाना पड़ा है। ऐसे में रेलमंत्री ने किराया बढ़ने के कुछ संकेत दिए हैं।
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