नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भरोसा जताया है कि भारत 2020-21 से आठ प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लेगा।
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने गुरुवार को राजकोषीय कमी की चिंताओं के कारण चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ को 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
राजमार्ग क्षेत्र में साढ़े सात लाख करोड़ रुपये के निर्माण कार्यक्रम के लिए नवीन वित्तपोषण तरीके तैयार किए जा रहे हैं। यह क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने में मदद कर सकता है।
पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि 2019-20 का बजट उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर देश के लौटने को लेकर रूपरेखा पेश करता है।
बीते वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि रर 6.8 प्रतिशत रही है, जो इसका पिछले पांच साल का सबसे निचला स्तर है।
पुरी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 से अब तक चार साल में 9,60,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
गोल्डमैन सैक्स ने यह अनुमान भी व्यक्त किया कि रिजर्व बैंक जुलाई-सितंबर में एक बार फिर से रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
नई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ट्विटर हैंडल बधाई संदेशों से अटा-पड़ा रहा जिनमें उनको अगले स्तर के आर्थिक सुधार और आर्थिक विकास केंद्रित कदम उठाने की सलाह दी गई है।
नरेंद्र मोदी को दूसरे कार्यकाल में 4 बड़ी आर्थिक चुनौतियों से निपटना होगा। जीडीपी, फिस्कल डेफिसिट, आरबीआई सरप्लस और एनपीए से मोदी को अपने दूसरे कार्यकाल में चुनौती खड़ी करेंगे।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नई सरकार को कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण नियमों में ढील देनी चाहिए, श्रम सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने फरवरी महीने में वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया था
मूडीज आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान का आकलन कैलेंडर वर्ष के आधार पर करता है। हालांकि भारत आर्थिक वृद्धि की गणना वित्त वर्ष के आधार पर करता है।
सीएसओ ने कहा कि 2017-18 के लिए पहला संशोधित अनुमान अब उद्योगवार और संस्थानों के आधार पर विस्तृत सूचना को शामिल करते हुए जारी किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक दिन चीन की इकनॉमी को भी पीछे छोड़ देगी।
अधिकांश अर्थशास्त्री पहले ही भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7 प्रतिशत के आसपास कर चुके हैं।
भारत बीते वर्ष यानी 2018 में उतार-चढ़ाव के बावजूद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहा।
नीति आयोग ने देश की आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाकर 8-9 प्रतिशत करने तथा 2030 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के इरादे से बुधवार को बहुप्रतीक्षित नए भारत के लिए रणनीति@75 दस्तावेज जारी किया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा पावरहाउस बनना इंडिया के भाग्य में लिखा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.1 प्रतिशत रही, जो तीन महीने का निचला स्तर है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल के सदस्य एस गुरुमूर्ति ने गुरुवार को कहा कि यदि नवंबर, 2016 में नोटबंदी नहीं की गई होती, तो अर्थव्यवस्था ढह जाती।
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