केंद्र सरकार ने ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें पिछले 10 वर्षों की भारत की जर्नी के साथ ही आने वाले समय में इकोनॉमी को लेकर अनुमान बताए गए हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने न सिर्फ इस साल बल्कि पिछले कुछ सालों में अपने समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत की आर्थिक वृद्धि लगातार छह प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। उम्मीद है कि बढ़ोतरी 2024 और 2025 में भी जारी रहेगी।
देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बड़ी खुशखबरी मिली है। तीसरी तिमाही में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.8 फीसदी की बंपर उछाल के साथ 6.24 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह बताता है कि तीसरी तिमाही में भी इकॉनमी में ग्रोथ मोमेंटम लगातार बना हुआ है। ये आंकड़े शानदार कॉरपोरेट मुनाफे का भी संकेत देते हैं।
भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि मजबूत घरेलू गति उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से होने वाली बाधाओं की भरपाई करती दिख रही है।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया के मुताबिक, भारत के साल 2030 तक 7.3 ट्रिलियन इकोनॉमी के साथ दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 वित्त वर्ष में भी लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाना जारी रखा।
डेलॉयट इंडिया का मानना है कि विकास दर को फेस्टिवल सीजन में खर्च बढ़ने और देश में अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से सपोर्ट मिलेगा। भारत फिलहाल दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को कारण बताया। साथ ही महंगाई के मोर्चे पर कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
भारत के साथ इजरायल का कारोबार 10 बिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023 में इजरायल को निर्यात 8.5 बिलियन डॉलर और आयात 2.3 बिलियन डॉलर है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (Global Innovation Index) में भारत कई सालों से तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह साल 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों में पहली बार 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई। वर्तमान में 92 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पहली तिमाही के आंकड़ों को देखने के बाद अपने अनुमानों में बदलाव किया है।
तेल उत्पादक देशों के समूह वाला ओपेक+ ब्लॉक द्वारा उत्पादन में कटौती को तीन और महीनों के लिए बढ़ाए जाने के बाद, ब्रेंट क्रूड 5 सितंबर को 90 डॉलर प्रति बैरल से पार हो गया।
Global Ratings: आने वाला समय भारत का है। दुनिया इंडिया को सलाम करेगी। अगर वह 2031 तक यह उपलब्धि हासिल कर लेता है।
यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संबोधन के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
India Economy Growth Rate: आज के समय में भारत दुनिया भर में तेजी से विकास कर रहा है। महंगाई भी कंट्रोल में है। ADB के हाल में जारी हुए रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को छह प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।
Indian Economy Updates: शुद्ध रूप से सेवा निर्यात में पिछले साल के मुकाबले उछाल महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी और दूसरे सेवा क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी बढ़ायी है। आने वाले समय में भारत हर क्षेत्र में चहुमुखी विकास करेगा।
पीएम मोदी ने बजट के बाद बुनियादी ढांचे और निवेश के विषय पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि इस साल का बजट देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास को नयी ऊर्जा प्रदान करता है।
Recession in India: पूरी दुनिया मंदी की संकट को लेकर परेशान चल रही है। वहां की सरकारें तरह-तरह की नीतियां बना रही है ताकि आने वाली तबाही से नागरिकों को बचाया जा सके। वर्ल्ड बैंक ने भी 2023 की शुरुआत में मंदी आने को लेकर विश्व को आगाह किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत भी इसकी चपेट में आएगा?
Make In india: वार्षिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लगभग दोगुना होकर 83 बिलियन डॉलर हो गया है।
लेटेस्ट न्यूज़