चीन ने ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती के बीच प्रभावशाली आर्थिक ग्रोथ रेट को बरकरार रखने के लिए किए जा रहे अच्छे काम को भारत की सराहना की है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के मुताबिक क्रूड में गिरावट और उच्च वास्तविक आय से निजी उपभोग बढ़ने से भारत की ग्रोथ चालू वित्त वर्ष के दौरान आठ फीसदी रह सकती है।
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2032 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और गरीबी समाप्त करने के लिए 10 फीसदी की दर से आर्थिक ग्रोथ की जरूरत है।
राजन ने कहा तय मुकाम पर पहुंचने का दावा करने से पहले अभी लंबा सफर तय करना है।यह कहकर राजन ने अंधों में काना राजा की टिप्पणी को सही ठहराने का प्रयास किया है।
अरूण जेटली ने विश्व बैंक से कहा कि भारत ने सभी क्षेत्रों में उपयुक्त निवेश का वातावरण तैयार किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
एक अमेरिकी पत्रिका को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हालत कुछ कुछ अंधों में काना राजा जैसी है।
अरूण जेटली ने कहा है कि भारत की 7.5 फीसदी की मौजूदा विकास दर उसकी अपनी जरूरत के स्तर के हिसाब से काफी नहीं है और देश में बेहतर करने की क्षमता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में 8-10 फीसदी की वृद्धि दर्ज करने क्षमता है। सुब्रमण्यम ने कहा, प्रमुख शक्ति बनने के लिए तेजी से वृद्धि करने की जरूरत है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में सीमित बढ़ोतरी से भारत को नुकसान नहीं होगा लेकिन बहुत ज्यादा उछाल से समस्या पैदा हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया के दस बड़े देशों में भारत छठे स्थान पर पहुंच गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि तंबाकू जनित बीमारियों से देश में सालाना 1,04,500 करोड़ रुपए का नुकसान होता है और करीब 10 लाख मौतें होती हैं।
आईएमएफ ने भारत के फिस्कल लक्ष्यों को उचित करार दिया है। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना सही तरीका है।
क्रिस्टीन लेगार्ड ने भारत में लगातार आर्थिक सुधार प्रक्रिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ग्लोबल आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत का सितारा बुलंद है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2016-17 के दौरान 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। मूडीज के मुताबिक चीन में आई मंदी जैसी समस्या से निपटने के लिए भारत तैयार है
डॉयचे बैंक ने कहा है कि यदि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें को लागू करती है तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर काफी विपरीत असर पड़ेगा।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) की रिपोर्ट “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में दुनिया की दो-तिहाई देशों को 100 में से 50 अंक से भी कम दिया गया है।
अरुण जेटली ने कहा कि एक मुख्य सुधार जिसपर भारत में अभी काम चल रहा है वह है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और उसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
रघुराम राजन ने कहा सेंट्रल बैंक अकेले दुनिया को नहीं बदल सकते। सरकारों को विश्व अर्थव्यवस्था की दीर्घकालीन वृद्धि के लिए आधारभूत मसौदा तैयार करना चाहिए।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उतार चढ़ाव वैश्विक नियम बन गया है। लेकिन भारत निश्चित रूप से अनुकूल वैश्विक माहौल में 8-9 फीसदी की ग्रोथ हासिल कर सकता है।
IMF अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की डीजीपी ग्रोथ 7.5 रहने के अपने पहले के अनुमान को कायम रखा है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा।
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