सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 कर दिया है। इनके लिए पहले आधार वर्ष 2004-05 था।
SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कम कीमतें और अन्य सकारात्मक वृहद बुनियाद से देश की वृद्धि दर बढ़ सकती है।
चीन के एक शोध संस्थान का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेज बढ़ोतरी दर्ज किए जाने की उम्मीद है और भविष्य में इसके चीन 2.0 बनने की भी संभावनाएं हैं।
देश में 8 फीसदी सालाना ग्रोथ रेट के हिसाब से अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक तीन गुना से अधिक 7,250 अरब डॉलर या 469 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के अस्थायी झटकों के बावजूद लंबी अवधि में इसका भारत के विकास पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
भारत का चालू खाते का घाटा (सीएडी) बढ़ने का अनुमान है। नोमुरा के मुताबिक इस साल सीएडी बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.6 प्रतिशत पहुंचने की संभावना है।
एडीबी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1,000 रुपए की मुद्रा को चलन से हटाने के फैसले का मध्यम अवधि में सकारात्मक प्रभाव होगा।
रेटिंग एजेंसी Fitch कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1% की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7% तक रहेगी।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने मंगलवार (28 फरवरी) को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) सभी राज्यों में 1 जुलाई से लागू होगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। नोटबंदी के कारण कुछ समय की नरमी के बावजूद वह वैश्विक परिदृश्य में एक आकर्षक चमकता स्थान बनी रहेगी।
बड़ी आबादी और इस सहायक जनसंख्या के साथ सरकार के सुधारात्मक कदमों की मदद से भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अरुण जेटली ने कहा कि मोदी सरकार साहसिक निर्णय कर रही है और अर्थव्यवस्था को साफ सुधरी बनाने पर ध्यान दे रही है। कारोबार के लिए वातावरण सही हो सके।
2040 तक भारत क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के संदर्भ में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय विकास बैंक के प्रमुख के वी कामत ने उपभोग चालित अर्थव्यवस्था के मद्देनजर भारत में निरंतर वृद्धि को लेकर भरोसा जताया है।
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है।
8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले और इससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी आशंका जाहिर की है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा भी बरकरार है।
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
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