भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सरकार द्वारा अधिक कर्ज आर्थिक वृद्धि के लिए सिरदर्द बना रहेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार दिखने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और उपभोग में सुधार से इस साल की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है।
आर्थिक गतिविधियों के मोर्चे पर सुधार का संकेत देते हुए औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने में 7.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि थोक मुद्रास्फीति मार्च महीने में 4.28 प्रतिशत पर पांच माह के निचले स्तर पर आ गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 8-9 हजार कंपनियां लिस्टेड हैं और इन सभी लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट वेल्यू देख ली जाए तो मुश्किल से 150 लाख करोड़ का आंकड़ा बनता है वहीं अमेरिका की टॉप की 4 कंपनियां ही इस आंकड़े तक पहुंच जाती हैं
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुना होकर 5,00,000 करोड़ डॉलर पर पहुंच जाने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से सामने आईं अड़चनों के अब दूर होने और उपभोग का स्तर सुधरने की वजह से अगले वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कुछ सुधार के साथ 7.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है।
वित्त वर्ष 2018-19 का बजट राजकोषीय समझदारी और वृद्धि के बीच संतुलन स्थापित करने वाला है और राजकोषीय घाटे को सीमित करने की रह से थोड़े-मोड़े भटकाव का अर्थव्यस्था की कुल ताकत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने यह राय जताई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि भारत के अगले 8-9 साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाने की उम्मीद है जिसमें विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
देश की प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2017-18 में घटकर 8.3 प्रतिशत यानी 1,11,782 रुपए रहने का अनुमान है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि पिछली तीन तिमाहियों से देश की आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं और वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अधिक तेज रहेगी।
WELT ने 2032 तक के लिये 192 देशों के लिये यह अनुमान जताया है। इसके अनुसार 2018 की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश क्रमश: अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी व भारत होंगे
अगले साल भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (डॉलर में) बन जाएगा।
जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आने की उम्मीद है और इसकी जीडीपी ग्रोथ 2018 में 7.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने आज कहा कि देश की अर्थव्यवस्था साल 2030 तक 6500 से 7,000 अरब डॉलर की हो जाने का अनुमान है।
भारत अपने लोगों के जीवनयापन का स्तर सुधार कर तथा निवेश को प्रोत्साहित कर अगले दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ आर्थिक अधिकारी ने यह बात कही।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में कहा कि जबर्दस्त निजी उपभोग, सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों के कारण 2018 में भारत की GDP ग्रोथ दर 7.2 % होगी
भारतीय अर्थव्यवस्था 2024 तक दोगुनी होकर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी। देश के सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज यह बात कही।
लेटेस्ट न्यूज़