भारत 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में ब्रिटेन को पीछे छोड़ सकता है। वैश्विक सलाहकार कंपनी PwC की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में कहा कि जबर्दस्त निजी उपभोग, सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों के कारण 2018 में भारत की GDP ग्रोथ दर 7.2 % होगी
नोमुरा ने पूर्वानुमान व्यक्त किया कि चौथी तिमाही में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी जबकि पूरे साल के लिए यह 6.2 प्रतिशत रहेगी जो 2018 में बेहतर होकर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल में लगातार चौथे महीने वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, वृद्धि में इससे पिछले महीने के मुकाबले ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया।
अर्जुन राम मेघवाल ने बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार दिया। इससे जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत तक पहुंचेगी।
सरकार ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था इस साल की पहली छमाही में 7.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक टॉप पांच भारतीय शहरों की अर्थव्यवस्था (अलग-अलग) वर्तमान में मिडल-इनकम इकोनॉमी वाले देशों के बराबर हो जाएगी।
भारत के आर्थिक ग्रोथ के उंचे आंकड़ों को संदेह की नजर से देखने वालों में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी शामिल हो गए। सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
ICD का कहना है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2015-16 में 7.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही के दौरान आर्थिक विकास दर 7.9 फीसदी रही।
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