इससे पहले बुधवार को अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को बढ़ावा देने के लिए लगभग 400 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
धातु, खनन और इस्पात, दूरसंचार तथा वाहन कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक वृद्धि से कंपनियों को लाभ होगा। मूडीज ने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज मिलकर एक-दो साल में सामूहिक रूप से भारतीय कंपनियों के कुल व्यय का 60 प्रतिशत से अधिक खर्च करेंगी।
एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स’ का व्यापक रूप से इस्तेमाल ग्लोबल इक्विटी पोर्टफोलियो को आंकने के लिए वैश्विक वित्त घराने करते हैं। तीन कंपनियां बर्जर पेंट्स, इंद्रप्रस्थ गैस और वन97 कम्युनिकेशंस सूचकांक से बाहर हो गईं।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के मार्च के बुलेटिन में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सबसे ज्यादा सेवा क्षेत्र की कंपनियां स्थापित की गईं।
मार्च, 2023 से मार्च, 2024 तक के भर्ती आंकड़ों के विश्लेषण से तैयार रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्राहकों को अस्थायी रूप से सेवाएं देने वाले पेशेवरों या फ्रीलांस काम में एक साल पहले की तुलना में 184 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है अमेरिका में भारत की 163 भारतीय कंपनियों ने अबतक 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
रिपोर्ट 47 क्षेत्रों की 300 कंपनियों पर किए गए शोध के आधार पर तैयार की गई है।
Bridgestone India: ब्रिजस्टोन इंडिया पूरी दुनिया में टायर और रबर के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है। हाल ही में ब्रिजस्टोन ने एक नए टायर को बाजार में उतारा है।
पश्चिमी कंपनियों ने रूसी बाजार (Russia Market) से अपनी वापसी की घोषणा कर दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russian Ukraine War) के चलते कुछ कंपनियों ने अपने संचालन बंद कर दिए थे, वहीं कुछ अभी भी अपने काम को संचालित कर रही है।
यह 2005 से सबसे ऊंचा आंकड़ा है। साथ ही अगस्त, 2020 की तुलना में यह दोगुना है। हालांकि, जुलाई 2021 से तुलना की जाए तो इसमें मिलाजुला रुख देखने को मिलता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़े के अनुसार जुलाई 2021 में कुल उधारी में 3.03 अरब अमेरिकी डॉलर की ईसीबी स्वचालित मार्ग के जरिए आई, जबकि 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर अनुमोदन मार्ग के जरिए आया।
पिछले जून महीने से तुलना की जाए, तो मात्रा के हिसाब से सौदों की संख्या छह प्रतिशत बढ़ी। हालांकि, मूल्य के हिसाब से सौदों में 33 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
चीन में काम कर रही भारतीय कंपनियों और उद्योगों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने यहां कोविड-19 की वजह से लागू वीजा और यात्रा अंकुशों के जारी रहने पर चिंता जताई है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर गुजरात के अहमदाबाद शहर के सबसे बड़े मोबाइल फोन बाजार के दुकानदारों ने कहा कि उन्होंने आगे से चीनी गैजेट नहीं बेचने का फैसला किया है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के साख विश्लेषक नील गोपालकृष्णन ने कहा कि ज्यादातर रेटिंग्स के मामले में हमारा मानना है कि कंपनियों की आय अगले 12 से 18 माह में सुधर जाएगी।
सर्वे के मुताबिक 77 फीसदी कंपनियों की अमेरिका में और निवेश की योजना
नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तीन भारतीय कंपनियों के अलावा 18 अन्य कंपनियों को भी यह लाइसेंस मिला है।
कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते भारतीय कंपनियों के ओडीआई में गिरावट
सर्वे में कहा गया है कि वस्तुओं और सेवाओं की मांग एवं आपूर्ति पर प्रत्यक्ष प्रभाव के अलावा, कंपनियों को धीमी आर्थिक गतिविधियों के कारण नकदी प्रवाह में कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो कर्मचारियों, ब्याज, ऋण पुर्नभुगतान और करों के भुगतान की क्षमता को प्रभावित करेगा।
संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान कंपनी अधिनियम और फेमा नियमों के पारित होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तक प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने वाले आवश्यक नियमों को लागू किया जा सकता है।
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